मैनपुरी। जनपद में पहली बार सभासद प्रत्याशी भी पार्टी के चिन्ह पर ही निकाय चुनाव लड़ेंगे। भाजपा और सपा ने सिंबल पर ही सभासद पद का चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। निकायों में सभासदों के लिए दावेदारों से आवेदन भी मांगे गए हैं। दोनों दलों की रणनीति निकाय चुनाव में पार्टी सिंबल पर अधिक से अधिक सभासद जिताकर बेहतर प्रदर्शन करने की है।
निकाय चुनाव में अभी तक नगर पालिका और नगर पंचायत चेयरमैन पद पर ही सभी दल अपने प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ाते रहे हैं। सभासद पद पर प्रत्याशियों को दोनों दल समर्थन देते रहे हैं। इस बार पहली बार सपा और भाजपा ने सभासद पद पर भी पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है।
सपा और भाजपा की रणनीति निकायों में पार्टी सिंबल पर अधिक से अधिक प्रत्याशी जिताकर अपना जनाधार साबित करने की है। सभासद पद के लिए दोनों दलों में दावेदारों से आवेदन मांगे गए हैं। निकाय चुनाव में सभासद पद के लिए सपा में 92 और भाजपा में 105 दावेदारों ने अपने आवेदन किए हैं। जिला स्तर से सभी नामों की सूची प्रदेश कार्यालय को भेजी जाएगी। प्रदेश कार्यालय से ही सभासद पद के प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे।
अन्य दल भी लड़ाएंगे सिंबल पर चुनाव
चेयरमैन के साथ ही सभासद पद पर भी अन्य दल भी पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ाएंगे। कांग्रेस, बसपा सहित आम आदमी पार्टी में भी सभासद पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। जो दावेदार पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहेंगे उनको वरीयता दी जाएगी। जिस वार्ड में प्रत्याशी नहीं होगा उस वार्ड में स्वच्छ छवि के उम्मीदवार को समर्थन देने पर तीनों ही दल विचार भी कर सकते हैं।
इनका कहना हैं
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि सभासद पद पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी और अधिक बेहतर प्रदर्शन करेंगे। सभासद पद पर पार्टी सिंबल स्वच्छ छवि के दावेदारों को ही दिया जाएगा।
इनका कहना हैं
सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा कि निकाय चुनाव में सभासद पद पर भी पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा की गलत नीतियों से नाराज मतदाता पार्टी सिंबल वाले प्रत्याशी का ही साथ देंगे।