चकरनगर/इटावा। स्थानीय सरकारी स्कूल में प्राथमिक कक्षा के बच्चों को पढ़ने के लिए झाड़ू लगानी पढ़ती है। उसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है। स्कूल के दरवाजे खुलते ही शिक्षक बच्चों को झाड़ू थमा देते हैं। वही शिक्षकों का कहना है कि सफाई कर्मी की व्यवस्था न होने के कारण बच्चे झाड़ू लगाएं या फिर शिक्षक!
भले ही सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी हो। उसके बाद भी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बच्चों से झाड़ू लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को जब हमारे संबाददाता ने पड़ताल की तो शासकीय प्राथमिक बालक विद्यालय में बच्चे झाड़ू लगा रहे थे। इस दौरान झाड़ू लगाती बच्ची संध्या का कहना था कि कि कूड़ा पड़ा हुआ था इसलिए झाड़ू लगाई मुझसे कहा किसी ने नहीं था, लेकिन मजेदार बात तो यह है कि जिस वक्त हमारे संवाददाता ने कैमरा ऑन कर झाड़ू लगाते बच्चों की तरफ बढ़े तो एक बच्चे की बड़े ही तरीके से आवाज आ रही थी फोटो खींचो फोटो खींचो।जब इस संबंध में शिक्षक से बात की गई तो उनका कहना था कि सफाई के लिए कोई व्यवस्था ना होने के कारण उन्हें मजबूरन बच्चों से झाड़ू लगवाना पड़ती है। अब गौरतलब तो यह है कि यह विद्यालय सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑफिस से कहीं लाख कोस दूर नहीं उसी कंपाउंड में है जहां पर झाड़ू बच्चे लगाते हैं लेकिन गांधारी पट्टी बांधे एबीएसए को कुछ भी दिखाई नहीं देता अब देखना तो यह है कि इस समाचार प्रकाशन के बाद वरिष्ठ अधिकारी इस पर क्या संज्ञा लेते हैं।