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निकाय चुनाव टलने की खबर से चुनाव लड़ने वालों में निराशा

जसवंतनगर (इटावा)। निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को लखनऊ खंडपीठ द्वारा आरक्षण मुद्दे पर सरकारी नीति को अस्वीकारने और बाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में अपना रवैया साफ करने और अभी चुनाव न कराने के फैसले से यहां नगर में पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने वाले दावेदारों में निराशा फैल गई।

अब ऐसा लग रहा है कि निकाय चुनाव आने वाले एक दो महीने होने वाले नहीं है।

जसवंतनगर में पालिका अध्यक्ष पद के लिए 30 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम सामने आये थे। कई प्रत्याशी तो बाकायदा जलूस और प्रचार अभियान तेजी से चला रहे थे। नगर की दीवालें पोस्टरों और बैनरों से पाटना शुरू कर दिया गया था। पंपलेट भी बटने लग गए थे । अखबारों के जरिए सवेरे प्रत्याशियों के प्रचार पंपलेट लोगों के घर पहुंच रहे थे।

यहां समाजवादी पार्टी की टिकट के लिए भारी मारामारी शुरू हुईथी। कम से कम एक दर्जन उम्मीदवार सपा टिकट के लिए दौड़ लगाने जुटे हुए थे। चूंकि सपा टिकट का फैसला क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव को करना है, इसलिए दावेदार उनकी चौखट पर निरंतर दस्तक देते उनसे संपर्क में लगे थे। इनमें करीब आधा दर्जन तो यादव जातिय थे।

नगर में भागीरथ यादव करु, मनोज यादव गोपी, बाबा मोहन गिरी, श्रीपति यादव तो बाकायदा विभिन्न वार्डों में रोज सुबह-शाम दौड़ लगा रहे थे।

बताया गया है कि इन दावेदारों में से कई के घरों पर बाकायदा चुनाव कार्यालय भी खुल गए थे। वहां से संपर्क अभियान कार्यकर्ताओं द्वारा शुरू कर दिया गया था।

आज कोर्ट के फैसले और उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के नजरिए को जान सभी प्रत्याशियों में निराशा फैल गई।

बताया तो यहां तक जा रहा है कि अब निकाय चुनाव मई महीने से पहले संभव नहीं है।

*वेदव्रत गुप्ता