Saturday , November 23 2024

गौवंशों से मुक्ति नहीं, अब बंदर किसानों को कर रहे परेशान

फोटो- बंदरों की फौज

जसवंतनगर(इटावा)। नगर के कई मोहल्लों में बंदरों का आतंक वर्ष भर बना रहता है, बंदर प्रायः मोहल्लों में उत्पात मचाते हैं। इनका उत्पात गर्मियों में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है ,क्योंकि उन दिनों खेतों में कोई फसलें नहीं होती है।

जैसे ही खेतों में फसलें पैदा होनी शुरू होती हैं, बंदर आस-पास के गएल गांवों में पलायन कर वहां डेरा डाल लेते हैं।

इन दिनों जसवंत नगर के करीबी गांव जगसारा के इलाके में बंदरों का अच्छा खासा आतंक है।जगसौरा के समीप भोगनीपुर नहर के किनारे बंदरों का जबरदस्त आतंक सामने आया है, जो किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। किसानों को खासा नुकसान झेलना पड रहा है। किसानों को पहले से ही आवारा गोवंश के कारण अपनी फसलों की निगरानी करनी पड़ती है अब बंदरों के कारण उन्हें दिन रात जागना पड़ रहा है।

उक्त गांव के पातीराम, सुभाष चन्द्र, रघुबीर प्रसाद, देवेन्द्र कुमार, सुनील कुमार, अरनाम सिंह, गिरीश चन्द्र आदि किसानो ने बताया कि यहां पर आधा सैकड़ा से ज्यादा बंदर आ गये है। फसलों पर आतंक मचाये हैं। ग्राम बिहारीपुरा, जगसौरा तथा भतौरा के किसानो के लगभग100 बीघा से ज्यादा खेत है। आलम यह है कि बंदरों के आतंक की वजह से किसानों को अपने खेत भी छोड़कर भागना पड़ता है। बंदर गेहूं , आलू, बरसीम, सरसो की फसलों को चौपट कर रहे हैं।

इन बंदरों को यदि महिलाएं एवं बच्चे भगाने जाते हैं, तो बन्दर उन्हे भी काटने दौड़ते हैं। लोग बुरी तरह भयभीत हैं। फसलों का नुकसान भी झेल रहे हैं।

बंदरों से मुक्ति की मांग ग्रामीण लगातार कर रहे हैं। जिला प्रशासन से ग्रामीणों ने अपेक्षा की है कि इन बंदरों से फसलों को बचाने के लिए किसी न किसी तरह का उपाय किया जाए।

*वेदव्रत गुप्ता