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जोशीमठ के बाद अब इन शहरों में बढेगा जमीन धंसने या जलमग्न का खतरा, देखें रिपोर्ट

जोशीमठ में भू-धंसाव के संकेत वर्षों पहले से मिल रहे थे। बेतरतीब निर्माण, ऊपरी मिट्टी का कटाव और अंधाधुंध विकास जैसे कारणों से जल धाराओं के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट आ गई।
 देश के 12 तटीय शहरों के धंसने और जलमग्न होने का खतरा बताया था। IPCC ने समुद्र-स्तर के पूर्वानुमान बनाने के लिए उपग्रहों और जमीनी उपकरणों के डेटा के साथ-साथ विश्लेषण और कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग किया था।

जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट की चेतावनी में शताब्दी के अंत तक मुंबई, चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम जैसे शहरों के लगभग तीन फीट धंसने की बातें कही गई थीं। अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कुल 12 भारतीय शहरों की पहचान की थी, जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ते समुद्र के स्तर का खामियाजा भुगतने का जोखिम रखते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया था कि एशिया के आसपास समुद्र का स्तर औसत वैश्विक दर की तुलना में तेज गति से बढ़ रहा है।अत्यधिक परिवर्तन पहले 100 वर्षों में एक बार देखा जाता था, ।समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण यह भारतीय शहर जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम भुगत सकते हैं और तीन फीट तक धंस सकते हैं।

तमिलनाडु में चेन्नई सबसे अधिक प्रभावित होने की उम्मीद है,  चिदंबरम, महाबलीपुरम, कलपक्कम, मरक्कनम, चुनामपेट, थिरुपोरिर, वेलाचेरी में समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ आने का खतरा है।