सरकार की ओर से दो अगस्त से स्कूल खोले जाने की घोषणा के बाद अभिभावकों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। किसी ने बच्चों को स्कूल भेजने से साफ इनकार किया तो किसी ने कोविड गाइडलाइन के तहत स्कूल खोले जाने का समर्थन किया।
सरकार का फैसला कुछ हद तक सही है। बच्चों की पढ़ाई बीते साल से बहुत प्रभावित हुई है, लेकिन सरकार को इस बात पर भी मंथन करना चाहिए कि बच्चों को भी जल्द से जल्द कैसे वैक्सीन लगाई जा सके। कहीं ऐसा न हो कि तीसरी लहर से पहले सरकार का यह फैसला गलत हो जाए।
उनका कहना है कि बच्चों की जान खतरे में नहीं डाली जा सकती है, लेकिन इस तरह घर पर रहने से बच्चों की पढ़ाई भी संकट में है।बच्चों की पढ़ाई की चिंतित है, लेकिन मैं अपने बच्चे को बिल्कुल नहीं भेज सकती। मेरे लिए मेरा बच्चा पहले है.
वो भी जब हम तीसरी लहर के आने को लेकर चिंतित हैं। गाइडलाइन का कितना पालन किया जा रहा है। क्लास में पूरा समय मास्क के साथ बैठना बच्चों के लिए बहुत मुश्किल है।