पंकज शाक्य संवाददाता मैनपुरी
किशनी/मैनपुरी- भारतीय किसान यूनियन(किसान) की एसडीएम से हुई वार्ता बेनतीजा रही। करीब पौन घंटा चली वार्ता के दौरान किसान नेताओं ने जनपद के समस्त खरीद केन्द्रों पर की गई गेहूं की खरीद में भारी धांधली के आरोप लगाये। आरोप है कि केन्द्रों पर किसानों के गेहूं कम तथा बिचौलियों के गेहूं ज्यादा खरीदे गये तथा किसानों के साथ बदसलूकी भी की गई।
26 अगस्त को भा0कि0यू0 (किसान) द्वारा ज्ञापन देने के बाद एसडीएम अनूप कुमार ने संगठन के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे को बातचीत करने के लिये गुरूवार का समय दिया था। संगठन के करीब एक दर्जन पदाधिकारी एसडीएम कार्यालय गये और एसडीएम से कई मुद्दों पर बात की। गेहूं खरीद केन्द्रों पर हुई धांधली की जांच के बारे में एसडीमए ने किसान नेताओं से कहा कि आप येसे लोगों का नाम प्रमाण सहित बतायें जिन्होंने धांधली की है। इस पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन के पास इसके लिये समुचित व्यवस्था है। प्रशासन जांच करने से मुकर क्यों रहा है। यदि प्रमाण ही मांगने थे तो एडीएम ने दो माह का समय क्यों दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासन को पता था कि एडीएम बी राम 31 अगस्त को रिटायर होंगे। इसीलिये पांच सितम्बर तक दो माह का समय देकर जांच का भरोसा किसानों को दिया था। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन्हैं लगने लगा है कि इस धांधली में बडे लोग तथा जिले के उच्चाधिकारी भी शामिल हैं। इसीलिये जांच के नाम से ही प्रशासन बिदक जाता है और किसानों से ही प्रमाण मांगने लगता है। जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि संगठन ने जितनी मांगे प्रशासन के सामने रखीं थी। उनमें से एक भी मांग पूरी तरह से नहीं मानी गई। हालांकि एसडीएम को किसी मींटग में जाना था। फिर भी उन्होंने कह दिया कि बाकी बातें अगली मींटग में कर लेंगे। एसडीएम ने किसान नेताओं को यह भरोसा दिलाया कि धान की खरीद के समय यदि कोई अनियमितता मिले तो तुरन्त उनको सूचित किया जाय। वह बिना किसी दबाव के सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे। इसके अलाबा एसडीएम ने प्रधानमंत्री आवासों में हुये भृष्टाचार की जांच के लिये टीम का गठन करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे, महिला मोर्चा की जिला प्रभारी ममता यादव, महिला जिला उपाध्यक्ष रेनू यादव, जिला उपाध्यक्ष रनवीर यादव, जिला सचिव उमेश पाण्डेय, तहसील अध्यक्ष उमेश शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष रमन यादव, बिधिक सलाहकार प्रदीप सक्सेना एडवो0 तथा रामयज्ञ गुप्ता आदि थे।