बेंगलुरु के सत्र न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लिखी किताब सिद्धू निजाकानासुगलु (सिद्धू के असली सपने) के विमोचन पर रोक लगा दी.
अदालत ने यह आदेश किताब के विमोचन से महज कुछ घंटे पहले दिया है. अंतरिम रोक लगाने के साथ ही राज्य के उच्च शिक्षामंत्री सी.एन.अश्वथ नारायण व अन्य को अगली सुनवाई तक इस किताब को प्रकाशित, जारी, पैकिंग या प्रदर्शित नहीं करने का निर्देश दिया है.
अदालत के आदेश के बाद किताब के विमोचन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. अदालत का यह निर्देश सिद्धारमैया के बेटे और वरुणा से विधायक यतिंद्र सिद्ध रमैया की याचिका पर आया है.. कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर मंथन कर रहे हैं.
सिद्धारमैया ने किताब के पीछे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कहा, मुझे नहीं पता, जिसके आंखों में पीलिया होता है, उसे हर चीज पीली दिखती है. बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजी हैं जिन्होंने टीपू पर शेख अली की लिखी किताब का परिचय लिखा है, क्या यह दोहरापन नहीं है?