फोटो:- खटखटा बाबा की कुटिया पर आयोजित महा शिव पुराण कथा में प्रवचन करते आचार्य सूरज कृष्ण शास्त्री और उमड़ी भारी भीड़
जसवंतनगर (इटावा)। यहां खटखटा बाबा की कुटिया पार चल रहे महाशिवपुराण कथा के छठ में दिन
राष्ट्रीय राम कथा , महाशिवपुराण एवम भागवत कथा व्यास पंडित सूरज कृष्ण शास्त्री श्री धाम वृंदावन ने ‘माया क्या है?’ विषय पर मार्मिक प्रवचन देते कहा कि असत्य जो सत्य लगता हो वही माया है।’
उन्होंने इस को लेकर भगवान और ऋषिराज नारद जी के दृष्टांत का उदाहरण देते हुए बताया कि एक दिन नारद जी ने भगवान से पूछा कि माया क्या है? इस परभगवान मुस्करा दिए और बोले, ‘किसी दिन प्रत्यक्ष दिखा देंगे’। अवसर मिलने पर भगवान नारद को साथ लेकर मृत्युलोक को चल दिए।
रास्ते में भगवान ने कहा, ‘नारद! बहुत जोर की प्यास लगी है। कहीं से थोड़ा पानी लाओ।’ पानी लाने नारद बहुत आगे चले गए तो थकावट से उन्हें नींद आ गई। वह एक खजूर के झुरमुट में सो गए। सोते ही नारद ने एक मीठा सपना देखा वह किसी वनवासी के दरवाजे पर पहुंचे हैं। द्वार खटखटाया तो एक सुंदर युवती निकली।
नारद ने अपना परिचय दिया और कन्या से विवाह का आग्रह किया। कन्या सहमत हो गई और नारद सुंदर पत्नी के साथ बड़े आनंदपूर्वक दिन बिताने लगे। कुछ ही दिनों में उनका पुत्र भी हो गया। एक दिन भयंकर वर्षा हुई और बाढ़ आ गई। नारद अपने उस परिवार को लेकर बचने के लिए भागे। बच्चे को उन्होंने पीठ पर लाद लिया था। लेकिन फिर भी उसे बचा नहीं सके। वह भयंकर बाढ़ में बह गया। पत्नी भी उसी बाढ़ में बह गई।
नारद किनारे पर निकल तो आए, पर पूरा परिवार गंवा देने के अहसास पर खुद को रोक नहीं सके। फूट-फूट कर रोने लगे। सोने और सपने में एक घंटा बीत चुका था। उनके मुख से रुदन की आवाज अब भी निकल रही थी और वह झुरमुट में औंधे मुंह ही नींद में पड़े हुए थे। भगवान सब समझ रहे थे। वे नारद को ढूंढ़ते हुए खजूर के झुरमुट पर पहुंचे और उन्हें सोते से जगाया। नारद हड़बड़ा कर बैठ गए। भगवान ने उनके आंसू पोंछे और रुदन रुकवाया। भगवान ने पूछा, ‘हमारे लिए पानी लाने गये थे सो क्या हुआ?’ नारद ने सपने में परिवार बसने और बाढ़ में बहने के दृश्य की चर्चा की और समय चले जाने के कारण क्षमा मांगी। भगवान ने कहा, ‘देखा नारद! यही माया है। ऐसा असत्य जो सत्य लगता हो वही माया है।
खटखटा बाबा कुटिया के महंत बाबा मोहन गिरी महाराज के निर्देशन में चल रही इस महाशिवपुराण कथा का समापन 24 जनवरी को तथा भंडारा 26 जनवरी को होगा। इस कथा में भारी भीड़ श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों की हो रही है।
कथा मे सुमित शुक्ला ,विमलकुमार नीटू कोषाध्यक्ष, कमलेश यादव, उत्कर्ष गुप्ता, ओमपाल यादव ,हिमांशु कुमार सविता, चुन्नू पान वाले ,प्रशांत चौरसिया, चंचल गुप्ता, राजेंद्र दिवाकर, बिल्लू यादव, गोपाल गुप्ता, मुकेश शाक्य, दीपक शाक्य, शिव कुमार गुप्ता, अवनीश कुमार ,अजय कुमार, अनुभव यादव आदि व्यवस्था संबंधी सहयोग कर रहे हैं ।
*वेदव्रत गुप्ता