रेनो और निसान अपनी नई पार्टनरशिप के दम पर भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में अपना फुटहोल्ड मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. कंपनियां उन वाहनों का वैल्यूएशन कर रही हैं जिन्हें वे 2025 से लॉन्च कर सकते हैं,रेनो के लोकप्रिय डस्टर एसयूवी को रिबूट कर सकती है.
रेनो-निसान भी भारत में क्रॉस-बैजिंग वाहनों की स्ट्रैटिजी फिर से अपना सकती है, इसका लक्ष्य इनपुट कॉस्ट कम करना है. उदाहरण के लिए, डस्टर एसयूवी को निसान और रेनो दोनों ब्रांडों के तहत लॉन्च करने पर विचार किया जा रहा है.
रेनॉल्ट भारत के लिए अपनी मास-मार्केट Kwid छोटी कार के इलेक्ट्रिक संस्करण पर विचार कर रही है, रॉयटर्स ने पिछले महीने रिपोर्ट किया था.कंपनियों ने अपनी नई रणनीति के बारे में ज्यादा डिटेल्स शेयर नहीं किए हैं.
जिसे रॉयटर्स के मुताबिक अगले सप्ताह की शुरुआत में पब्लिक किया जा सकता है. दोनों कंपनियां मिलकर भारत में अपना मार्केट शेयर बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं. वर्तमान में ये भारत में मारुति, टाटा, हुंडई जैसी कंपनियों की तुलना में बहुत कम हैं.