नरेन्द्र वर्मा संवाददाता फिरोजाबा
फिरोजाबाद जिला अस्पताल परिसर स्थित 100 सैया डेंगू वार्ड में भर्ती रोगी के उपचार में लापरवाही बरतने की शिकायत करने गई भाजपा नेत्री और मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य के मध्य तड़का भड़की हो गई शोर सुनकर भर्ती रोगियों के तीमारदारों की भीड़ भी जमा हो गई भाजपा नेत्री का कहना है कि जब मेरे साथ प्राचार्य का इस तरह का व्यवहार है तो आम तीमारदार के साथ कैसा होगा
वर्तमान में डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है पीड़ित रोगी जिला अस्पताल परिसर स्थित 100 सैया के डेंगू वार्ड में भर्ती है अधिकांश तीमारदारों का कहना है वार्ड में भर्ती रोगियों का उपचार अप्रशिक्षित करचारी कर रहे हैं जबकि इन कर्मचारियों को सही ढंग से इंजेक्शन और इंट्राकैड़ लगाना भी नहीं आता है शनिवार को इसी प्रकार की एक शिकायत भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष उज्जवल गुप्ता के पास पहुंची वह तुरंत ही 100 सैया हॉस्पिटल पहुंचे जहां उन्होंने भर्ती रोगी से मुलाकात कर उपचार के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला उसे भर्ती तो कर लिया गया है परंतु उपचार सही ढंग से नहीं मिला है इस पर भाजपा नेत्री ने पहुंच कर भर्ती रोगी की भर्ती टिकट को मांगा तो उन्हें उपस्थित स्टाफ ने भर्ती टिकट के साथ जांच रिपोर्ट गुम होने की बात कहीं जिसकी शिकायत लेकर वह मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर संगीता अनेजा के पास गई तो प्राचार्य ने उनसे पूछा बाद में उन्होंने झल्ला कर अनेकों प्रकार की बातें की जिसको लेकर प्राचार्य और भाजपा नेत्री के मध्य काफी तड़का भड़की हो गई इसको लेकर हंगामा खड़ा हो गया शोर सुनकर रोगियों के तीमारदार और अन्य स्टाफ भी पहुंच गया
प्राचार्य से तड़का भड़की के बारे में भाजपा नेत्री से जानकारी चाही तो बताया गया वार्ड में भर्ती रोगियों के उपचार में लापरवाही बरती जा रही है रोगियों को अप्रशिक्षित कर्मचारियों के ऊपर छोड़ दिया गया है जिन पर इंट्राकैड़ भी डालना नहीं आता है भाजपा नेत्री ने बताया एक रोगी को बोतल लगाई गई थी परंतु इंट्राकैड़ सही ढंग से नहीं लगाया गया जिसके कारण फ्लूड़ रोगी के शरीर में नहीं पहुंच रहा था इसके अलावा इंट्राकेड डालते समय रोगी की नसों में कई जगह निशान बने हुए हैं इसकी शिकायत उन्होंने स्टाफ नर्स से की तब उसे दूसरी स्टाफ नर्स ने इंट्राकेड़ लगाया तब बोतल का फ्लूड मरीज के शरीर में पहुंचना शुरू हुआ भाजपा नेत्री का आरोप है जिला अस्पताल परिसर स्थित दोनों डेंगू वार्ड के अलावा सरकारी ट्रामा सेंटर अप्रशिक्षित कर्मचारियों के ऊपर निर्भर होकर रह गया है जबकि ऐसे समय में प्रशिक्षित कर्मचारियों की ड्यूटी लगनी चाहिए परंतु स्थिति यह है अप्रशिक्षित कर्मचारी रोगियों का इलाज करने में जुटे हैं कुल मिलाकर डेंगू वार्ड और सरकारी ट्रामा सेंटर की स्थिति खराब है डेंगू वार्ड का हाल तो यह है की बेड रोगियों से भरे पड़े हैं इसके अलावा बाहर से आने वाले अन्य रोगियों को यह कहकर वापस किया जा रहा है पलंग खाली नहीं है