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अपनी बेटियों की तरह विदाई हर सदस्य बिलख रहा था

फोटो: भारत विकास परिषद के सामूहिक विवाह समारोह में विदाई अवसर पर एक कन्या की विदा करते रोते हुए विवाह प्रभारी पवन कुमार गुप्ता

जसवंतनगर (इटावा)। यहां के मिडिल स्कूल प्रांगण में रविवार शाम बहुत ही मार्मिक दृश्य उस समय उत्पन्न हो गया,जब 21 नवविवाहित कन्याओं की विदा हुई।                                                                           इनके परिजन तो अपनी बेटियों की विदाई को लेकर विलाप कर ही रहे थे,!भारत विकास परिषद ‘संस्कार’ शाखा के सदस्य भी अश्रुपूरित थे।

कई पदाधिकारियों और सदस्यों को नवविवाहिता कन्याओं के गले से लिपटकर रोते हुए देखा गया।ऐसा लग रहा था ,जैसे उनकी अपनी बेटी की विदाई वह कर रहे है। यह हृदय विदारक दृश्य देख वहां एकत्रित लोग भी बिलख पड़े, उनकी आंखे भी नम थी।

भाविप’संस्कार’शाखा द्वारा,जिन 21 गरीब कन्याओं की निशुल्क शादी कराई गई। वह सभी रविवार रात 8 बजे समारोह स्थल से अपने अपने जीवन संगी के साथ अपनी ससुरालों को रवाना हो गई। संस्कार संस्था द्वारा दिया गया दहेज भी दूल्हा परिवार को भाविप सदस्यों द्वारा सौपाया गया।दहेज के सामान को ले जाने के लिए एक-एक वाहन भी मुहैया कराया गया।

संस्कार शाखा के अध्यक्ष श्याममोहन गुप्ता, सचिव जवाहर लाल शाक्य ,कोषाध्यक्ष मनोज गुप्ता खाद वाले, गणेश यादव, प्रांतीय पदाधिकारी हरिमोहन राजपूत आदि ने बताया कि हम लोग 20 दिन से निर्धन कन्याओं के इस विवाह समारोह की तैयारियों में जुटे थे। हमारे साथ हमारी शाखा के अन्य सदस्य भी रात दिन लगे रहे। हमें भारी उत्साह था कि हम इन कन्याओं को हाथ पीले कर उनका जीवन बसा रहे हैं, मगर विदाई की वेला तो वास्तव में मार्मिक होती है। जब इन सभी विवाहित नव जोड़ों को विदा करने की वेला आई, तो हमारे दिल स्वयं ही आंसुओं से भर गए और हम अपने आंसुओं पर काबू नहीं कर सके।हमारे विवाह प्रभारी पवन गुप्ता, तो इतना भावविह्वल होकर रोए कि उन्हे संभालना मुश्किल हो गया।

हम लोगों ने कन्यादान करते, सभी कन्याओं का जब चरण वंदन किया,तब हमें एहसास हो रहा था,हम अपनी बेटी की ही शादी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अब तक हमारी शाखा 12 आयोजनों के जरिए कुल 226 कन्याओं के हाथ पिछले 14 वर्षों में पीले कर चुके हैं। आगामी वर्षों में भी जसवंत नगर के दानदाताओं और सहयोगियों की मदद से सामूहिक निशुल्क विवाह समारोह आयोजित करते रहेंगे।

*वेदव्रत गुप्ता