विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही उत्तराखंड में धीरे-धीरे सियासत गर्माने लगी है। साथ ही नेताओं को अपने पाले में इधर से उधर खींचने की मुहिम भी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस के एक विधायक का शनिवार को भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम टल गया।
चुनाव आते ही राजनीतिक दलों का रुख उन लोगों के प्रति नरम हो गया है जिन्हें अनुशासनहीनता के कारण बेहद सख्त अंदाज में पार्टी से हटा दिया था। अब ऐसे सभी निष्कासितों के लिए पार्टी ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। पार्टी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, विधानसभा व लोकसभा चुनाव में निष्कासितों को शामिल कराने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक विधायक की ओर से कुछ बिंदु रखे गए हैं, जिन पर बातचीत चल रही है और एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा। सियासी गलियारों में यह कार्यक्रम टलने को गुजरात के घटनाक्रम से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
जो लोग संगठन की रीति-नीति के अनुरूप पार्टी में आना चाहते हैं, उनका स्वागत है। बड़ी संख्या में लोग पार्टी में आने को तैयार हैं। लोग भी आ भी रहे हैं। निष्कासितों में कुछ लोक सभा चुनाव के दौरान पार्टी में शामिल हुए थे। बाकी गए लोगों को भी पार्टी में शामिल किया जा रहा है।