हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संकट से घिरे गौतम अडानी के बाद एक और अरबपति इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। ये अरबपति हैं वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल।
गौतम अडानी के ठीक बाद भारतीय टाइकून अनिल अग्रवाल अपनी कर्ज से लदी कंपनियों को लेकर बाजार की चिंताओं के लिए चर्चा में हैं। अनिल अग्रवाल की कंपनी में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। माइनिंग से लेकर तेल तक के समूह वेदांता के शेयरों में पिछले आठ सेशंस से गिरावट का सिलसिला चल रहा था।
सरकार की तरफ से भी कंपनी को तगड़ा झटका मिला है। वेदांता पैसे जुटाने के लिए अपनी एक कंपनी की हिस्सेदारी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को बेचना चाह रही थी लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
वेदांता का संकट तब शुरू हुआ जब पिछले साल अक्टूबर में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने लंदन स्थित होल्डिंग कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को ‘डाउनग्रेड’ कर दी थी। कंपनी की कर्ज चुकाने की कैपासिटी पर भी सवाल उठने लगे। मूडीज का कहना है कि कंपनी को अप्रैल और मई 2023 तक 90 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है, लेकिन कंपनी के पास फंडिंग का कोई सोर्स नजर नहीं आ रहा है।