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पल्लेदारों की कमी और आलू-भाव सस्ते होने से शीतगृहों पर लगी लंबी लाइनें

जसवंतनगर(इटावा)। हर तरफ होली की तैयारियां चल रही है। जबकि दूसरी ओर आलू उत्पादक किसान इन दिनों आलू की खुदाई और अपने आलू को कोल्ड स्टोरों में भंडारित करने की जुगत में पूरी ताकत से जुटा हुआ है। ज्यादातर कोल्ड स्टोरों पर लंबी लाइनें लग गई है। किसान अपने आलू को कोल्ड स्टोर के अंदर जल्द से जल्द पहुंचाने के प्रयास में है, क्योंकि मौसमी टेंपरेचर बढ़ने से आलू के भभक कर खराब होने का खतरा है।

होली का त्योहार इस बार मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में पड़ गया है। जबकि अभी तक प्रायः दूसरे या तीसरे सप्ताह में पड़ता था।

आलू का भंडारण 15 फरवरी से शुरू होता था। 15 मार्च तक आलू कोल्ड स्टोरों में पहुंच जाता था। फिर बाद में किसान बचा आलू कोल्ड स्टोरेज में ले जाकर भंडारण का काम समाप्त कर देते थे।

मगर इस बार आलू की खुदाई और कोल्ड स्टोर में भंडारण का काम 25 फरवरी के बाद ही शुरू हो सका है, क्योंकि इस बार जनवरी के आखिरी हफ्ते में बरसात हो जाने से आलू के खेतों में नमी 25 फरवरी तक बनी रही। खुदाई का काम इस।वजह काफी लेट शुरू हुआ।

इधर सूर्य देवता की चमक भी 15 फरवरी से ही तेज हो जाने से गर्मी पड़ने लगी है। इससे खुदाई के काम में न केवल बाधा पड़ी है ,बल्कि तेज गर्मी से आलू के खराब होने के डर से किसान आनन-फानन में आलू की खुदाई करने में इन दिनों जुटा हुआ है। वह जल्द से जल्द अपना आलू भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर में ले जाना चाहता है।

इस कारण ही इन दिनों कोल्ड स्टोरों पर भंडारण के लिए पहुंच रहीं आलू लदी ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी लाइनें लग गई है ।

जसवंत नगर क्षेत्र में करीब 25 कोल्ड स्टोर है, जहां ज्यादातर पर इन दिनों बड़ी-बड़ी लाइनें लगी देखी जा रही है और किसानों का आलू कोल्ड स्टोर के भीतर चेंबरों में पहुंचने में दो-दो और तीन-तीन दिन का समय लग रहा है।

सूत्रों ने बताया कि अभी क्षेत्र में 40 परसेंट ही आलू की खुदाई हुई है। फिर भी अभी से कोल्ड स्टोरों पर जिस तरह से किसानों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, उसका सबसे बड़ा कारण कोल्ड स्टोरों पर पल्लेदारों की कमी होना है। होली के चलते ज्यादातर पल्लेदार अपने घरों को पलायन कर गए हैं या जा रहे हैं। इससे यहां के बड़े कोल्ड स्टोरेज जसवंत नगर शीत ग्रह, शिवा कोल्ड स्टोरेज ,दाऊजी कोल्ड स्टोरेज, राधावल्लभ कोल्ड स्टोरेज,अंकुर कोल्ड, आत्माराम कोल्ड स्टोरेज, संतोष भुवनेश कोल्ड स्टोरेज, एमबी कोल्ड स्टोरेज, कृष्णा कोल्ड स्टोर काफी लंबी – लंबी लाइनें लग गई हैं, क्योंकि जिस क्षमता से कोल्ड स्टोर के चेंबरों में आलू के पैकेट भीतर जाने हैं, वह नहीं जा पा रहे हैं । कोल्ड स्टोरेजों के मैदान ट्रैक्टरों से भरे होने के कारण भारी संख्या में आ रही आलू भरी ट्रैक्टरों की ट्रॉलियों को सड़कों पर लाइन लगाना उनकी मजबूरी बन गई है। किसान चाहता है कि मौसम का टेंपरेचर दिन में 30 से 35 डिग्री हो जाने के कारण आलू को चेंबरों में पंहुचाना जरूरी है,इसलिए वह लाइनें लगाए है।

जसवंत नगर इलाके में कुल मिलाकर दो दर्जन से ज्यादा कोल्ड स्टोर हैं ,जिनकी क्षमता एक करोड़ से ज्यादा आलू के पैकेट रखने की है। बताया गया है कि आलू का रकवा और पैदावरी इस बार ज्यादा होने के कारण क्षेत्र की भंडारण क्षमता से ज्यादा आलू का उत्पादन हुआ है।

दाऊजी कोल्ड स्टोरेज के मालिक राम नरेश यादव पप्पू ने बताया कि यह बात सही है कि इस समय पल्लेदारों की कमी हो गई है। इस वजह से किसानों का आलू जल्द कोल्ड के अंदर लोड नहीं कराया जा पा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष होली तक ज्यादातर कोल्ड स्टोरेजो पर हाउसफुल का बोर्ड लग गया था। मगर इस वर्ष खुदाई लेट होने और होली का त्यौहार भंडारण के बीच में ही पड़ने से किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि होली बाद पल्लेदारों की कमी दूर होगी।

यह भी बताया कि न केवल पल्लेदारों की कमी है, बल्कि किसानों के सामने आलू खुदाई मजदूरों की भी किल्लत है। हालांकि बड़े किसान अपना आलू मशीनों से खुदवा कर, इस बढ़ती गर्मी के मौसम में जल्द आलू भंडारित करने पर जोर दे रहे हैं। आलू का भाव सस्ता होने की वजह से किसान भविष्य में फायदा होने फायदा होने की उम्मीद के साथ भंडारण पर जोर दे रहा है। आलू व्यापारी भी आलू के सस्ते होने के चलते कोल्ड स्टोरों में ही आलू को भंडारित करना मुफीद समझ रहे हैं।

*वेदव्रत गुप्ता