Friday , September 20 2024

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार की मुश्किलें नहीं हुई कम, गिरफ्तारी की उठी मांग

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल प्रचंड की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले ही वह सरकार बचाने के मोर्चे पर जूझ रहे हैं। अब उनके खिलाफ नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है।

यह याचिका उनके एक पुराने बयान के मामले में दर्ज की गई है, जिसमें दहल ने स्वीकार किया था कि देश में उग्रवाद के दौरान पांच हजार लोगों की मौत हुई थी। प्रचंड के बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ही प्रशासन को उनके खिलाफ रिट याचिका दायर करने का आदेश दिया था।

नेपाल में विद्रोह 13 फरवरी 1996 में हुआ था और 21 नवंबर 2006 को सरकार के साथ व्यापक शांति समझौते के साथ खत्म हो गया था। 15 जनवरी 2020 को काठमांडू में एक कार्यक्रम के दौरान प्रचंड ने कहा था कि ‘मुझ पर 17 हजार लोगों की हत्या का आरोप लगाया जाता है लेकिन यह सच नहीं है।

पहले प्रचंड की गठबंधन सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने समर्थन वापस ले लिया था। गठबंधन की पार्टी सीपीएन-यूएमएल के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था। इसी वजह से गठबंधन में दरार आई और गठबंधन में टूट हो गई। नौ मार्च को नेपाल में राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है।