फोटो: जसवंत नगर की सहकारी समिति सभापति चुनी गई साधना यादव का अभिनंदन करते समर्थक
जसवंतनगर(इटावा)। इलाके की 6 सहकारी समितियों के प्रबंध समितियों के सभापतियों और उपसभापति का चुनाव रविवार को निर्विरोध संपन्न हो गया।
उल्लेखनीय है कि इन सारी समितियों पर समाजवादी पार्टी समर्थित अध्यक्ष(सभापति) बनने से पार्टी का दबदबा और हनक एक बार फिर सिद्ध हो गई।
क्षेत्र में कुल मिलाकर 8 सहकारी समितियां की प्रबंध समितियों के चुनाव की प्रक्रिया पिछले1हफ्ते से चल रही थी, इसमें से दो समितियों किसान सेवा सहकारी समिति सराय भूपत और किसान सेवा सहकारी समिति जगसौरा का चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
नामांकन प्रक्रिया के दौरान 6 सहकारी समितियों के 54 डायरेक्टर्स में 45 निर्विरोध चुन लिए गये थे, शेष नो डायरेक्टर्स का चुनाव शनिवार को संपन्न होने के बाद आज रविवार को इन सभी छह समितियों के लिए सभापतियोंं और उपसभापतियों का चुनाव होना था, सभी पर निर्विरोध चुनाव हुआ। तिजौरा सोसायटी पर एक बार तो चुनाव की स्थिति पैदा हुई ,मगर बाद में दोनो आपस में निर्विरोध सभापति, उपसभापति बनने को राजी हो गए।
जसवंतनगर किसान सेवा सहकारी समिति पर पूर्व में एक बार और अध्यक्ष रही श्रीमती साधना यादव का निर्वाचन हुआ। इस समिति पर पिछले कई कार्यकालों से साधना यादव या उनके पति विनोद यादव अध्यक्ष निर्वाचित होते रहे हैं। इस सोसाइटी पर भारत सिंह उपसभापति सर्वसम्मति से बने।
जबकि साधन सहकारी समिति कोकाबली के सभापति पद पर समाजवादी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे और प्रोफ़ेसर बृजेश यादव के करीबी राजेश यादव सभापति तथा उपसभापति पद पर रामभान सिंह वर्मा को चुना गया।
साधन सहकारी समिति जसोहन के सभापति पद पर विमलेश कुमार यादव सभापति तथा उपसभापति पद पर रणवीर सिंह को चुना गया।
इसी प्रकार भाजपा नेता और हाल ही में लोकसभा का उपचुनाव लड़कर पराजित होने वाले रघुराज सिंह शाक्य के गांव धौलपुर खेड़ा की किसान सेवा सहकारी समिति, खेड़ा धौलपुर के सभापति पद पर इटावा के पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे महावीर सिंह यादव के भतीजे अशोक कुमार यादव सभापति पद पर तथा उपसभापति पद पर सुमित राम चुने गए।
किसान सेवा सहकारी समिति बलरई के सभापति पद पर रामदुलारे राजपूत तथा उपसभापति पद पर सुधा देवी को चुना गया। इसी प्रकार साधन सहकारी समिति तिजोरा के सभापति पद पर मानवेंद्र सिंह तथा उपसभापति पद पर चरण सिंह को चुन लिया गया।
जसवंत नगर इलाके में सहकारी आंदोलन और सोसायटीओं पर पिछले 20-25 वर्षों से क्षेत्रीय विधायक शिवपाल सिंह यादव और उनके पुत्र आदित्य यादव अंकुर का अपरोक्ष नियंत्रण रहा है, इसलिए इस बार के चुनाव में भी उन्हीं के आशीर्वाद से सभी सोसाइटीओं पर समाजवादी पार्टी समर्थक प्रबंध समितियों का गठन आसानी से हो गया और भारतीय जनता पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली।
*वेदव्रत गुप्ता