*(डॉ0 एस.बी.एस. चौहान द्वारा)*
चकरनगर/इटावा। स्कूल में हुई इस घटना से वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई। इलाके के लोगों ने बताया कि रिटायर होने वाले शिक्षक बच्चों के साथ-साथ इलाके में भी काफी लोकप्रिय थे। प्रभारी प्रधानाध्यापक जय बिहारी लाल बच्चों के शारीरिक शिक्षक भी थे। उन्होंने बच्चों को कई खेलों में दक्ष बनाया।
चकरनगर के फूटाताल में शिक्षक की विदाई पर कमपोजिट विद्यालय के बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे।गुरु को भगवान का दर्जा देने वाले देश में अब ऐसा नजारा बहुत कम देखने को मिलता जब एक सरकारी स्कूल के शिक्षक के रिटायरमेंट पर दुखी होकर बच्चे रोने लगें, लेकिन ऐसा नजारा चकरनगर प्रखंड के कमपोजिट विद्यालय फूटाताल में देखने को मिला। यहां 2013 से रिटायरमेंट होने तक तैनात शिक्षक जय बिहारी लाल के सेवानिवृत्ति पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने उन्हें हंसी-खुशी फूल माला व तरह के उपहार भेंट किया।
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद उनके शिक्षक साथी जब फूल माला देकर विदा करने लगे तो अचानक मौजूद सैंकड़ों बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चे लिपटकर उनसे प्लीज नहीं जाइये सर..कहने लगे।बच्चों की आंखों से गिरते आंसू और उनके रोने की आवाज़ सुन वहां मौजूद शिक्षक भी भावुक हो गए।फिर क्या था इस भावुक पल को देख खुद जय बिहारी लाल भी अपने आंसू नहीं रोक पाये। जय बिहारी लाल ने कहा कि यही हमारी असली कमाई है। लोग बताते हैं कि इनके नेतृत्व में इस स्कूल ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भी बाजी मारी। प्राथमिक शिक्षक संघ इटावा के जिला उपाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता है और उन के अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की। इस मौके पर विकास क्षेत्र से आए शिक्षकों ने भी अपनी अपनी बात रखी।एस एम सी अध्यक्ष बासुदेव यादव, उपेन्द्र यादव, जगदीश, हाकिम सिंह, आशीष, कमलेश आदि ने स्वागत किया इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विधालय के शिक्षक सतीश कुमार व आशीष का पूर्ण सहयोग रहा मंच का संचालन आचार्य डॉक्टर ब्रम्ह कुमार मिश्रा ने किया।