रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
औरैया। लिवर को मानव शरीर का पावर हाउस माना जाता है। यदि पावर हाउस ही ठीक नहीं रहेगा तो व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां घेर लेती है। लिवर की देखभाल करने के लिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा। लिवर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में एक है। बदलती जीवनशैली और खराब खाने पीने की आदतों के कारण व्यक्ति लिवर की समस्या का शिकार हो रहा है। लिवर कमजोर होने से वह ठीक से काम नहीं करता है और जिसकी वजह से व्यक्ति फैटी लिवर, लिवर इंफेक्शन और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का शिकार हो जाता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का| अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और गैर संचारी रोगों के नोडल डॉ वीपी शाक्य बताते है कि पेट के दाहिने और उपरी हिस्से में लिवर मौजूद होता है। शरीर में जाने वाले भोजन को पचाने में भी लिवर की अहम भूमिका होती है। लिवर खराब होने से व्यक्ति की कार्यक्षमता पर बहुत बड़ा असर होता है। लिवर का मुख्य काम कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन का व्यवस्थित करना होता है। लिवर में ग्लूकोज का भंडार होता है। वह शुगर की कमी को दूर करता है। लिवर में समस्याओं के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे कई तरह की शारीरिक बीमारियों का शिकार होने लगता है। लिवर संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए सबसे पहले खानपान की आदतों में सुधार करना होगा। साथ ही योगाभ्यास का सहारा लेकर भी लिवर सम्बन्धी बीमारियों से दूर हो सकते हैं। 100 शैय्या जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुलदीप कुमार यादव का कहना है कि लिवर इन्फेक्शन की शुरुआत में आपको पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं होती है। जो धीरे धीरे बढ़ती है। अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन और बहुत अधिक तेल-मसाले वाले भोजन का सेवन करने से भी लिवर सम्बन्धी समस्या हो सकती है।
लिवर सम्बन्धी समस्या
– लिवर इन्फेक्शन होने पर शुरुआत में पेट में लगातार दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। पीलिया की समस्या बार-बार हो सकती है।
– लिवर इन्फेक्शन की समस्या में स्किन पर खुजली और रैशेज सबसे कॉमन हैं। हालांकि स्किन पर रैशेज और खुजली कई कारणों से हो सकते हैं।
– पेशाब के रंग में बदलाव होना भी लिवर में खराबी का संकेत माना जाता है।
– लीवर इन्फेक्शन होने पर आपको भूख कम लगती है और खाने का मन नहीं करता है। उल्टी और मतली की समस्या भी लीवर में संक्रमण होने का संकेत है।
लीवर इन्फेक्शन से बचने के उपाय
– शराब का सेवन न करें
– वजन संतुलित रखने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने
– कम वसा (फैट) और कम चीनी (शुगर) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने
– हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन लगवाएं
– हानिकारक दवाओं और ड्रग्स के सेवन से बचें