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धर्म के रास्ते पर चलने से जीवन कष्ट मुक्त रहता है : कोकिल पुष्प महाराज

 फोटो:- पाठकपुरा गांव में प्रवचन करते भागवताचार्य कोकिल पुष्प महाराज तथा जुटी हजारों की भीड़,  विधायक शिवपाल सिंह यादव कथा दौरान आरती करते हुए

 

जसवंतनगर(इटावा)।भागवताचार्य कोकिल पुष्प जी महाराज ने कहा है कि धर्म के रास्ते पर चलने से कभी भी भगवान कष्ट नहीं देते। भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास काटकर खुद कष्ट झेले थे, मगर प्रजा को  आतताई रावण जैसे  दुष्ट के आतंक से मुक्त कराया था।

 कोकिल पुष्प महाराज जसवंत नगर कस्बे से 3 किलोमीटर दूर ग्राम पाठक पुरा में 14 अप्रैल से 21 अप्रैल तक आयोजित मद भागवत सप्ताह यज्ञ में जुटी हजारों की भीड़ के मध्य अपना प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान को सदैव स्मरण करना चाहिए।उन्होंने ही हमें जन्म दिया, वही हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगे।सदैव संकटों से उबारेंगे। राम और कृष्ण के नामों के जप से जीवन सद्गति को प्राप्त होता है। हमारी पीढ़ियां भी सुखमय जीवन जीती है।
पिछले 6 दिनों से चल रही इस मद भागवत कथा में आसपास के क्षेत्रों की भारी भीड़ जुट रही है।  पाठकपुरा में धर्म गंगा प्रवाहित हो रही है। कोकिल पुष्प महाराज वृंदावन के न केवल विख्यात कथावाचक हैं, बल्कि एक संत भी हैं। वह जसवंतनगर कस्बे के खटखटा बाबा कुटिया पर कई बार भागवत कथा सुनाने आ चुके हैं, इस वजह से बड़ी संख्या में लोग उनके  प्रवचनों को सुनने को पहुंच रहे हैं.।
    बुधवार को उन्होंने कथा में भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह का प्रसंग संगीतमय ढंग से जब सुनाया ,तो लोग भाव विभोर  हो गए।
कथा मैं परीक्षत  सालिग्राम यादव और माया देवी बने हैं। उपनिरीक्षक पुलिस अरविंद कुमार यादव, राजकीय ठेकेदार हरगोविंद यादव ,रिंकी यादव, अनुष्का सिंह अभिजीत सिंह, अक्षरा सिंह आदि  व्यवस्था में जुटे हैं। 21 अप्रैल को भंडारा आयोजित है।
 शिवपाल कथा सुनने पहुंचे
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   पाठकपुरा में अपने कार्यकर्ता हरगोविंद यादव के परिवार द्वारा आयोजित मदभग्वद कथा को सुनने सपा महासचिव और क्षेत्रीय विधायक शिवपाल सिंह यादव शाम को ग्राम पाठकपुरा पहुंचे और उन्होंने व्यास कोकिल पुष्प शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर उनका ग्रामीणों ने जोरदार ढंग से स्वागत किया। उनके साथ वरिष्ठ सपा नेता महावीर सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, गोपाल गुप्ता, नीरज यादव, आदि मौजूद थे। हरगोविंद यादव ने उन्हें एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
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 *वेदव्रत गुप्ता