नरेन्द्र वर्मा
फिरोजाबाद प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू बाढ़ का निरीक्षण पर स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलने के लिए भले ही अपनी पीठ थपथपाते रहे जबकि जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड का हाल बेहाल है पीड़ित परिजन बुखार से तपते बच्चों को अपने कांधे पर लादकर ले जाते देखे जा रहे हैं उन्हें गुहार लगाने के बावजूद भी एंबुलेंस मुहैया नहीं हो रही मंगलवार को डेंगू से पीड़ित किशोरी सहित दो बच्चों की मौत हो गई
थाना दक्षिण के मोहल्ला राजपूताना निवासी साहेब की 15 वर्षीय पुत्री इकरा डेंगू से पीड़ित थी उसे 2 दिन पूर्व 100 सैया डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया था जब उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया तो चिकित्सक ने उसे अनियत्र दिखाने की सलाह दी शाहिद का कहना है कि उसकी बेटी का उपचार के दौरान पेट भी फूल गया था गुहार करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तब वह बेबस अपनी पुत्री को अन्यत्र दिखाने के लिए अपने कांधे पर लादकर चल दिया उसे एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई गई बेटी को कांधे पर लादकर ले जा रहे पिता की तरह जब अन्य लोगों की निगाह आ गई तो उनके मुंह से एक ही शब्द निकला भगवान का रूप कहे जाने वाले चिकित्सकों मैं मानवता नाम की कोई चीज नहीं रह गई है मानवता मर चुकी है बाद में शाहिद अपनी पुत्री को एक प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा आगरा ले गया जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया बेबस पिता रोते चिल्लाते हुए अपनी बेटी का शव लेकर घर आ गया वही दूसरा मामला जिला अस्पताल के सरकारी ट्रामा सेंटर मैं भर्ती जनपद एटा के थाना मलावन क्षेत्र निवासी पप्पू का 11 वर्षीय पुत्र सागर की उपचार के दौरान मौत हो गई परिजन उसके शव को भी प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा घर ले गए कुल मिलाकर 100 सैया अस्पताल का हाल बेहाल है ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक बुखार से तपते बच्चों को यह कहकर वापस कर रहे हैं यहां सिर्फ गंभीर रोगियों को ही भर्ती कर उपचार किया जाता है