चीन दुनियाभर में सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है. उसके इस सपने को पूरा करने में सबसे बड़ी दीवार है अमेरिका जो दुनियाभर में सैन्य और आर्थिक तौर पर महाशक्ति के रूप में जाना जाता है.
अब चीन इसी दीवार को गिराने में जुट गया है. दरअसल चीन अमेरिका की तरह अलग-अलग देशों में मिलिट्री बेस बनाना चाहता है ताकी दुनियाभर में उसे अमेरिका के विकल्प के तौर पर देखा जा सके.
इसी कोशिश के तहत अब उसकी नजर पश्चिमी अफ्रीका और अर्जेंटीना पर है. पश्चिमी अफ्रीका के पश्चिमी तक पर एक क्षेत्र है इक्वेटोरियल गिनी. यहां के बाटा शहर में चीन मिलिट्री बेस स्थापित करने की फिराक में है.
बाटा पोर्ट सिटी होने के साथ-साथ मालाबो के बाद इक्वेटोरियल गिनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और कभी इक्वेटोरियल गिनी की राजधानी भी रह चुका है.
इसके अलावा चीन अर्जेंटीना के टिएरा डेल फुएगो प्रांत में स्थित उशुआइया में एक मिलिट्री बेस बनाने की फिराक में है ताकी अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच समुद्री लेन की आसानी से निगरानी की जा सके.
जरूरतमंद देशों को कर्ज देना. चीन पहले इन देशों को भारी कर्ज देकर दबाता है और फिर यहां मिलिट्री बेस स्थापित कर देता. दक्षिण अफ्रीका और सोलोमन द्वीपसमूह इसके उदाहरण है.