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जसवंतनगर/इटावा। 02 मई। अपर जिला मजिस्ट्रेट/उप जिला निर्वाचन अधिकारी जय प्रकाश ने बताया कि नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 09 अप्रैल 2023 को की जा चुकी है। नामांकन पत्र प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त निर्वाचन के सम्बन्ध में राजनैतिक दलों उम्मीदवारों एवं उनके कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न प्रकार के पोस्टर, पम्पलेट, हैण्डबिल आदि छपवाये जा रहे है। निर्वाचन पोस्टरों, पम्पलेट आदि प्रकाशन के सम्बन्ध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 – क के अन्तर्गत प्राविधान किया गया है। जो इस प्रकार है कि कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टरों को प्रकाशित या मुद्रित नहीं करेगा या मुद्रित या प्रकाशित नहीं कराएगा जिसके मुख पर उसके मुद्रक और प्रकाशन का नाम और पता न
दिया हो, कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करेगा या करवाएगा- (क) जब तक कि उसके प्रकाशका के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा जिनको यह व्यक्तिगत रूप से जानता हो, सत्यापित कर दो प्रतियों में उसके द्वारा मुद्रक को नहीं दे दी जाती और जब तक कि दस्ताबेज के मुद्रण के पश्चात युक्तिसंगत समय के भीतर घोषणा की एक प्रति दस्ताबेज की एक प्रति के साथ मुद्रक द्वारा- (एक) जहां वह मुद्रित हुआ हो उस राज्य की राजधानी के राज्य निर्वाचन आयुक्त को और (दो) किसी अन्य मामले में उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां वह मुद्रित किया गया हो, भेज न दिया जाए, इस धारा के प्रयोजनों के लिए (क) किसी दस्तावेज की प्रतियों की संख्या को बढ़ाने के लिए हाथ द्वारा नकल करने को छोड़कर, कोई भी प्रक्रिया को मुद्रक समझा जायेगा और मुद्रक पद का तदनुसार अर्थ लगाया जायेगा और(ख) निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का तात्पर्य किसी मुद्रित, हैण्डबिल या अन्य दस्ताबेज से है जो
किसी प्रत्याशी या प्रत्याशियों के समूह के निर्वाचन को प्रोत्साहित करने या पक्षपात / प्रतिकूल करने के लिए वितरित किया जाए या किसी इश्तहार या पोस्टर से है जिसमें किसी निर्वाचन का कोई सन्दर्भ हो, किन्तु उसमें कोई ऐसा कोई हैण्डबिल, इश्तहार या पोस्टर सम्मिलित न होगा, जिसमें कि किसी निर्वाचन सभा की तिथि समय, स्थान और अन्य विवरण या निर्वाचन अभिकर्ताओं या
कार्यकर्ताओं को सामान्य अनुदेश घोषित किए गए हो, कोई व्यक्ति जो उपधारा (1) या उप धारा (2) के प्राविधानों का उल्लंघन करता है, तो वह करावास से, जिसको छः माह तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना से जिसे दो हजार रूपए तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों सहित दण्डनीय होगा ।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन से सम्बन्धित पोस्टर पम्पलेट आदि की छपाई किये जाने पर ऐसे प्रत्येक मुद्रण पर प्रेस का नाम व पता अवश्य अंकित करना है तथा छपाई से सम्बन्धित समस्त मुद्रित प्रतियों की 3-3 प्रतियां तीन दिन के अन्दर परिशिष्ट (ख) में अंकित भरी घोषणा के साथ वरिष्ठ कोषाधिकारी, इटावा / नोडल आफीसर निर्वाचन अनुवीक्षण, इटावा को उपलब्ध कराना है। राज्य निर्वाचन आयोग के संलग्न निर्देशों के अनुसार जब भी कोई निर्वाचन से सम्बन्धित पोस्टर, पम्पलेट आदि छापा जाता है तो छपाई से पूर्व सभी मुद्रक परिशिष्ट (क) में दी गई घोषणा, प्रकाशक से अवश्य पूर्ण करा लें तथा उस पर दो ऐसे व्यक्तियों के हस्ताक्षर भी करा लें जो प्रकाशक को जानते हों। तत्पश्चात् उक्त घोषणा को मुद्रक द्वारा हस्ताक्षर कर सत्यापित किया जाना है। इसी प्रकार छपाई के पश्चात् मुद्रक द्वारा परिशिष्ट (ख) में आप द्वारा अलग से घोषणा की जानी है। उपरोक्त दोनों घोषणाओं एवं प्रत्येक मुद्रण की तीन-तीन नमूने की प्रतियां 03 दिन के अन्दर नोडल औफिसर, निर्वाचन व्यय/वरिष्ठ कोषाधिकारी, इटावा को अवश्य उपलब्ध हो जायें। यदि कोई उक्त धारा 127-क का उल्लंघन करता पाया जाता है तो वह कारावास से जिसकी अवधि छः मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो दो हजार रूपये तक हो सकेगा, या दोनों से दण्डनीय होगा। इसके अतिरिक्त सुसंगत नियमों के अन्तर्गत मुद्रणालयों की अनुज्ञा पत्रों को समाप्त किए जाने की कार्यवाही की जायेगी ।
*वेदव्रत गुप्ता
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