फोटो :-विधायक प्रतिनिधि और पूर्व पालिका उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद अहसान और उनके द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति
जसवंतनगर(इटावा)। नगर पालिका जसवंत नगर के कई बार सभासद रहे और क्षेत्रीय विधायक के प्रतिनिधि हाजी मोहम्मद अहसान ने नगर की “गोला वाली मस्जिद” के इमाम हाजी मौलाना कमालुद्दीन अशरफी से मस्जिद को राजनीति का अड्डा और लोगों की पंचायतें करने का घर न बनाने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि हाजी मोहम्मद अहसान इस गोला वाली रंगरेजन मस्जिद के अध्यक्ष हैं ,मगर उनके और मौलाना के बीच इन दिनों जबरदस्त ढंग से मतभेद चल रहे है।
बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मोहम्मद अहसान ने कहा है कि मस्जिद केवल अल्लाह की इबादत का घर होता है। इस बात को मौलाना कमालुद्दीन खुद भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को जानते हुए भी मौलाना ने खुद ही मस्जिद को राजनैतिक
वाद -विवादों के निस्तारण केंद्र बना दिया है। राजनीतिक लोक पहुंचकर अपनी राजनीति साध रहे हैं।
अहसान ने यह भी कहा कि “अल्लाह के हुक्म से मस्जिद में तेज आवाज से बात करना भी मना है”। उन्हें इस बात का प्रशिक्षण स्वयं मौलाना ने ही दिया है, फिर भी कमालुद्दीन मस्जिद के अंदर राजनीतिक गतिविधियां करा रहे हैं! इस बात को लेकर नगर के मुस्लिम समाज में रोष है। वक्फ बोर्ड को शिकायत भेज रहे हैं।
मोहम्मद अहसान ने यह भी बताया है कि मुस्लिम समाज का एक प्रतिनिधिमंडल “सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ” के चेयरमैन से पिछले दिनों मिला था और गोला वाली इस मस्जिद के इमाम की गतिविधियों के खिलाफ शिकायत की थी। वह शिकायत उनके पास अध्यक्ष होने के नाते आई थी और उन्हें मौलाना के खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देना पड़ा था। उस शिकायत की प्रतिलिपि भी उन्होंने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के साथ उपलब्ध कराइ है।
उन्होंने हाजी कमालुद्दीन से अपील की कि मस्जिद में वह सिर्फ इमामत करें, मुसलमानों को दीन के मामले में जागरूक करने का काम करें, ताकि अल्लाह खुश हो। राजनीत को मस्जिद के अंदर कतई परिश्रय न दें और न मस्जिद को राजनीति का अड्डा बनने दें। इससे मस्जिद मुस्लिम समाज के लिए इबादत का पाक घर बना रहेगा।
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*वेदव्रत गुप्ता