कुछ चीजों का क्रेज कभी नहीं बदलता है. पुराने समय में हमारे दादा-नाना सुबह-सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश खाते थे.जिससे उन्हें भी थोड़ा च्यवनप्राश का स्वाद चखने को मिल जाएं. ये आज भी अधिकतर घरों में देखने को मिलता है. पुराना क्यों न हो जाए, लेकिन च्यवनप्राश अपनी जगह बना हुआ है. इसे कब, किस तरह खाना चाहिए, ये आज हम इस आर्टिकल में बताएंगे.
बचपन में लगभग सभी ने टीवी में च्यवनप्राश का प्रचार देखा ही होगा. इसे खाने से शरीर को बहुत से लाभ मिलते हैं. लेकिन इसे हमेशा पर्याप्त मात्रा में ही खाना चाहिए. अगर आप अधिक मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन करते हैं,, लूज मोशन जैसी समस्या हो सकती है. एक व्यस्क रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश सुबह-शाम गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकता है.
आपके परिवार में किसी को अस्थमा या सांस की दिक्कत है तो उन्हें दूध या दही के साथ च्यवनप्राश का सेवन न करने दें. साथ ही ब्लड शुगर की शिकायत वाले लोगों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.
च्यवनप्राश शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है. लेकिन ठंड के मौसम में च्यवनप्राश और भी फायदेमंद होता है. ये शरीर को होने वाले वायरल इंफेक्शन से बचाता है. च्यवनप्राश विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.