पहले कोरोना संकट और फिर रूस तथा यूक्रेन के बीच 14 महीनों से जारी जंग के बीच दुनिया काफी कुछ बदल गई है. वैश्विक स्तर पर राजनीतिक परिदृश्यों में भी काफी बदलाव आया है.
यूक्रेन के साथ जारी जंग की वजह से रूस थोड़ा कमजोर पड़ा है और चीन उसका साथ दे रहा है. दोनों देशों के बीच दोस्ती भी बहुत पुरानी है. यूक्रेन के साथ जंग की वजह से रूस को वैश्विक स्तर पर कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है .जिस SCO की मेजबानी कर भारत खुश हो रहा है, उस वैश्विक संगठन के पीछे का सूत्रधार चीन ही है.
8 सदस्यों वाले SCO संगठन के गठन के पीछे चीन की ही पहल है. खास बात यह है कि संगठन का पहले नाम शंघाई 5 था जिसमें भारत शामिल नहीं था. लेकिन बाद में जून 2017 में भारत की इस संगठन में एंट्री हुई और वह भी पाकिस्तान के साथ.
दुनिया में अपना दबदबा बनाए रखने की चाह रखने वाला चीन कभी भी नहीं चाहेगा कि भारत उसको किसी भी क्षेत्र में चुनौती देता दिखाई दे. बीजिंग की कोशिश भारत को दोनों देशों की सीमाओं के बीच उलझाकर रखने की है किसी और जगह ध्यान लगाने ही न पाए.