इमरान खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं, जिनकी गिरफ्तारी हुई है। इमरान खान से पहले और भी कई प्रधानमंत्रियों को पाकिस्तान में इसी तरह का अंजाम भुगतना पड़ा है।
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद ही पाकिस्तान में ऐसा क्या हुआ की सेना को अपना सरकार से भी बड़ा हितैषी मानने वाली पाकिस्तानी आवाम ने उनके ही घरों को आग लगा दी।
किसी प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद जनता ने शहर के शहर और सेना के मुख्यालय से लेकर बड़े-बड़े सेना के अधिकारियों के घरों समेत सरकारी और प्राइवेट बिल्डिंग्स को फूंक दिया और तोड़फोड़ की।
पाकिस्तान के सियासी मामलों के जानकारों इस बार जिस तरीके से पाकिस्तान के रेंजर्स ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कॉलर पकड़कर वैन में घसीटा, इमरान खान की पार्टी के नेताओं ने इमरान खान के साथ हुई मारपीट का भी जिक्र करके माहौल को हवा दे दी।
दिखावे के लोकतंत्र के बावजूद भी पाकिस्तान की आवाम भी सेना को ही अपना सबसे बड़ा हितैषी मानती आई है। पाकिस्तान के पुराने दौर में हुए प्रधानमंत्रियों की गिरफ्तारी और उनको दी जाने वाली सजा के बाद जनता के विरोध का पैमाना अगर इमरान खान से नापा जाएगा तो इमरान की गिरफ्तारी के बाद तो पाकिस्तान में विद्रोह शुरू हो गया है।