इटावा।* समाज में अभी भी मासिक धर्म जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा नहीं होती जिस कारण किशोरियों और महिलाओं द्वारा अभी भी मन में कहीं न कहीं झिझक है।इस मिथक को तोड़ने के लिए व इस मुद्दे पर बच्चियों के साथ खुलकर चर्चा करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदी पर नियुक्त *डॉ.सीमा चौहान लगभग 5 साल से लगातार काम कर रही हैं। जनपद के स्कूल कॉलेज और ग्रामीण जनजीवन में जाकर मासिक धर्म पर खुलकर चर्चा करना शुरू किया* और उसके बाद बदलाव की शुरुआत हुई।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम नोडल *डॉ.यतेंद्र राजपूत ने बताया* कि महावारी और स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में डॉ. सीमा व्यक्तिगत रूचि और एक नई ऊर्जा के साथ कार्य कर रही हैं जिससे समाज में बदलाव देखा जा सकता है।
*डॉ.सीमा कहती हैं* कि स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को हमेशा कहती हूं पढ़ो-लिखो आगे बढ़ो पैड मांगने की झिझक तोड़ो और इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखो। उन्होंने बताया कि साथिया केंद्र की काउंसलर प्रेमलता के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विशेषकर स्कूल व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किशोरियों व महिलाओं को मासिक धर्म के मुद्दे पर खुलकर चर्चा करना व पीरियड्स के दौरान शरीर की स्वच्छता,पीरियड्स के दौरान मानसिक उलझन,समय से पीरियड न आना, अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्याओं से संबंधित काउंसलिंग करना मुझे अच्छा लगता है।यही कारण है आसपास के स्कूल कॉलेज और ग्रामीण महिलाओं से जाकर हम मिलते हैं और उन्हें निशुल्क पैड वितरित करते हैं और उनकी पीरियड से संबंधित समस्याओं का निदान करते हैं।
*जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.यश्मिता सिंह ने कहा* कि किशोरियों और महिलाओं को महावारी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।डॉ.सिंह ने बताया कि पीरियड्स के समय यदि स्वच्छता और साफ सफाई का ध्यान न रखा जाए तो कई गंभीर व जटिल बीमारियों की समस्या हो सकती है जैसे-प्रजनन पथ संक्रमण (आरटीआई) व मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) और पर्याप्त स्वच्छता न रखने पर कभी-कभी सर्वाइकल कैंसर का भी जोखिम रहता है।उन्होंने बताया कि पीरियड के समय जेनिटल एरिया को साफ सुथरा रखें और प्रत्येक 6 से 8 घंटे के अंदर सेनेटरी पैड बदलना जरूरी है। *खानपान के संतुलन से भी मासिक धर्म से पैदा होने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।* इसीलिए संतुलित भोजन करें और अधिक पानी पिएं।
जिला अस्पताल के साथिया केंद्र की काउंसलर प्रेमलता ने बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक साथिया केंद्र पर 1307 किशोरियों ने मासिक धर्म की समस्याओं के संदर्भ में आकर काउंसलिंग ली और अपनी समस्याओं का निदान पाया।
*गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की 15 वर्षीय रीता ने बताया* कि साथिया केंद्र पर आकर मैंने अपनी समस्या का निदान पाया।मुझे पीरियड्स के समय शुरू के 2 दिन अधिक ब्लीडिंग होती थी जिससे मैं बहुत परेशान रहती थी। साथिया केंद्र की काउंसलर द्वारा बताया गया यह सामान्य प्रक्रिया है महामारी के समय किसी को कम ब्लीडिंग होती है या किसी को बहुत अधिक होती है यह शारीरिक संरचना पर निर्भर करता है लेकिन इस समय खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
*साथिया केंद्र पर आकर सलाह लेने वाली 16 वर्षीय अंशिका ने बताया* कि अक्सर उन्हें पीरियड समय पर नहीं होता था।जब वह साथिया केंद्र पर काउंसलिंग के लिए आई तो मासिक धर्म के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी मिली और काउंसलर की मदद से स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाया और दवा ली और अब मेरा पीरियड समय से आ रहा है।
*आइए जाने क्यों मनाते हैं “मासिक धर्म स्वच्छता दिवस”*
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई को मनाने का एक विशेष कारण है फर्टिलिटी सर्कल 28 दिन तक चलता है इस वजह से इस दिन के लिए तारीख 28 चुनी गई उसी तरह पीरियड औसत 5 दिनों तक चलता है इस 5 दिन के कारण साल के पांचवें महीने मई को चुना गया इसीलिए एक पूरे अर्थ के साथ 28 मई के दिन को महिला शरीर में होने वाले परिवर्तन को चिन्हित करने के लिए चुना गया।इस वर्ष माहवारी स्वच्छता दिवस की थीम है- “मेंस्ट्रूअल हाइजीन समस्या के प्रति हम सभी समर्पित”।