फोटो:- जैन मोहल्ला में प्रवचन करते जैन मुनि प्रतीक सागर जी महाराज
जसवंतनगर(इटावा)। जैन मुनि 108 प्रतीक सागर जी महाराज ने कहा है कि जीवन में, जो व्यक्ति जितना ज्यादा संघर्ष करता है,वही व्यक्ति स्वयं के लिए, परिवार और समाज के लिए एक आदर्श के रूप में उभरता है। संघर्ष का नाम ही जीवन है और संघर्षशील व्यक्ति ही संसार में अविस्मरणीय बनता है।
महाराज जी यहां जैन मोहल्ले में रविवार सुबह बड़ी संख्या में एकत्रित धर्मानुयायियों को संबोधित कर रहे थे। शनिवार को विधि न मिलने से महाराज जी का आहार नहीं हुआ था शाम को वह अस्वस्थ भी थे, ऐसे हालात 48 घंटे रहने के बावजूद महाराज की वाणी में ओज और तेज था।
उन्होंने उदाहरण देते बताया कि मिट्टी सूर्य की तेजी में जितना तपती है और फिर कुम्हार के पैरों तले रुदती और हाथों से कूटी जाती और तरासी जाती है,उतनी ज्यादा निखरकर सुंदर आकार लेती है। मिट्टी का यही संघर्ष है और इसी तरह का संघर्ष मानव को महामानव बनाता है।
महाराज जी ने कहा कि कभी भय और डर से धर्म पथ पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। कुएं बदलने से प्यास नहीं बुझाई जा सकती, इसलिए धर्म के प्रति सदैव गहरी आस्था रखो और भगवान पर विश्वास रखो, जीवन में अवश्य ही आपको अपना लक्ष्य प्राप्त होगा। साथ ही आप समाज और देश के लिए एक उदाहरण बन सकोगे। उन्होंने कहा कि त्याग की महत्ता बहुत बड़ी है। बहुत कुछ पाने के लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। जिस तरह से स्नान छुप कर किया जाता है, उसी तरह दान भी छुपा हुआ ही होना चाहिए। जो लोग अपने दान का प्रदर्शन या बखान करते हैं, उनका दान, दान नहीं होता बल्कि एक ‘शोबाजी’ मात्र तक ही सीमित है। जीवन में गिरते को उठाना ही धर्मात्मा का गुण है।
शनिवार को महाराज जी लुधपुरा जैन मंदिर से से विहार करते पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जैन मोहल्ला पहुंचे थे। यहां के जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन के सात साथ राजकमल जैन, विनोद जैन,अतुल बजाज,आशीष जैन,रोहित जैन,विवेक जैन,चेतन जैन, रवि जैन,अंकित जैन,राजकुमार जैन,एकांश जैन,अंकुर जैन,मणिकांत जैन,सचिन जैन
,विनीत जैन नितिन जैन, मोहित जैन, अनुभव जैन ,संजय जैन ,प्रखर जैन, मनोज जैन ,प्रमुख रूप से महाराज जी की प्रवासीय व्यवस्थाओं में बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे है
*वेदव्रत गुप्ता
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