पंकज शाक्य संवाददाता मैनपुरी
मैनपुरी- उपाध्यक्ष उ.प्र. राज्य महिला आयोग अंजू चैधरी ने महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुलिस, समाज कल्याण आदि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा, ग्राम कछपुरा में गभर्वती महिलाओं की गोद भराई, 06 माह की आयु पूणर् कर चुके बच्चों को अन्नप्रासन्न एवं उपस्थित आंगनवाड़ी कायर्कत्रियों, आशाओं, गभर्वती महिलाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कायर्कत्रियों के कंधों पर गभर्वती महिलाओं, बालिकाओं, कुपोषित बच्चों तक स्वास्थ्य सेवाएं, पोषाहार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, महिलाओं के उत्थान, सवार्ंगीण विकास के लिए संचालित योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने का कार्य भी आपके कंधों पर हैं, आप गभर्वती महिला की मां की भांति देख-भाल करें, गभर्धारण से लेकर प्रसव होने तक उसके स्वास्थ्य की नियमित जांच हो, समय से गभर्वती महिला को आयरन, कैल्शियम की टेबलेट उपलब्ध कराई जाएं, उसे भरपूर पोषक आहार खाने के लिए प्रेरित किया जाए, प्रथम बार गभर्धारण करने वाली गभर्वती महिला को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ तत्काल उपलब्ध कराया जाए, गभर्वती महिलाओं के साथ-साथ उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाए, बेटी पैदा होने पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ प्रदान किया जाए।
उपाध्यक्ष महिला आयोग ने उपस्थित महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न रोकने में महिलाएं आगे आएं, दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने में भी महिलाएं अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वाबलंबन, उनकी आथिर्क स्थिति मजबूत हो इसके लिए सरकार द्वारा तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं, महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं, बालिकाएं, महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस न करें यदि उनके साथ किसी के द्वारा अत्याचार, उत्पीड़न किया जाये तो वह अपनी शिकायत करने में झिझकें नहीं इसलिए प्रत्येक थाने में महिला हेल्प-डेस्क की स्थापना कर उस पर 24 घंटे महिला कमीर् की तैनाती की गयी। बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य से लेकर शादी तक की जिम्मेदारी सरकार ने अपने कंधों पर ली है, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों की शादी धूम-धाम से कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सास बनकर बहू पर अत्याचार न करें बल्कि उसे बेटी की तरह दुलार करें, बहू का सम्मान करें, बहू भी अपने सास-ससुर, देवर का सम्मान करें, ससुराल को ही अपना घर समझे, एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें। उन्होने कछपुरा में गोद भराई कायर्क्रम के अन्तगर्त गभर्वती मोहिनी, बविता, शारिका, राखी, रचना शाक्य को पोषक आहार उपलब्ध कराये वहीं 06 माह की आयु पूणर् कर चुके सम्यक, इवांशी, सौयर्, शानवी, दिव्यांश को ऊपरी आहार खिलाकर अन्नप्रासन्न कायर्क्रम सम्पादित किया।
श्रीमती चैधरी ने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि निराश्रित महिला की शिकायत को गंभीरता से लिया जाए, उसका सर्वोच्च प्राथमिकता पर निराकरण हो, किसी भी निराश्रित महिला की भूमि पर अनाधिकृत कब्जा न रहे, ससुरालीजनों, परिजनों द्वारा उसके साथ अत्याचार न किया जाए, शासन से मिलने वाली सुविधा पेंशन आदि तत्काल स्वीकृत की जाए, महिला उत्पीड़न के प्रकरण प्राथमिकता पर निपटाए जाएं, महिलाओं के सवार्ंगीण विकास के लिए संचालित योजनाओं का लाभ प्राथमिकता पर मिले सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि पीड़ित महिला को रानी लक्ष्मीबाई योजना का लाभ समय से मिले लाभ देने से पूर्व भली-भांति जांच की जाए, पारिवारिक लाभ योजना, पेंशन योजना का लाभ भी पात्रों को समय से मिले। उन्होंने बैठक में उपस्थित खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी बच्चे विद्यालय में ड्रेस, जूते-मोजे पहनकर आएं, सभी बच्चों के पास ड्रेस, मोजे, जूते उपलब्ध हो शिक्षक सुनिश्चित करें, विद्यालयों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहे, बच्चों के पीने हेतु स्वच्छ पेयजल, शौचालय में पानी की उपलब्धता का विशेष ध्यान दिया जाए, जिन विद्यालयों में बाउंड्रीवाल नहीं है उनमें तत्काल बाउंड्रीवाल का निमार्ण कराया जाए, निमार्ण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होने कलेक्ट्रेट सभागार में पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुनते हुये कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण के लिए कृत संकल्पिक है, किसी भी महिला का उत्पीड़न, शोषण किसी भी दशा में बदार्श्त नहीं होगा, पीड़ित महिलाओ की सुनवाई न करने वालों के विरूद्ध दण्डात्मक कायर्वाही होगी। उन्होंने कहा कि पीडित महिलाओं की समस्याओ के त्वरित निस्तारण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें न्याय दिलाने के उददेश्य से महिला जन सुनवाई कायर्क्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें शिकायतो को सुनकर उन पर त्वरित, प्रभावी कायर्वाही कर शोषित महिलाओ को मौके पर राहत प्रदान कराई जा रही है। उन्होने कहा कि महिला उत्पीड़न से संबंधित जो किसी भी न्यायालय में चल रहे है ऐसे वादों का राज्य महिला आयोग संज्ञान नहीं लेता, पीड़ित महिलायें कोर्ट में जाने से पूर्व अपनी शिकायत राज्य महिला आयेाग के समक्ष प्रस्तुत करें ताकि उनकी समस्याओं को सक्षम अधिकारीगणों के माध्यम से समयबद्ध ढंग से निस्तारण कराया जा सके।
इस दौरान उप जिलाधिकारी सदर ऋषिराज, क्षेत्राधिकारी नगर अभय राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला डा. ए.के. पचैरी, डा आर.के. सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.पी. सिंह, जिला कायर्क्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी इन्द्रा सिंह, प्रभारी निरीक्षक महिला थाना एकता सिंह, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा साधना तिवारी, मनोरमा सिंह आदि उपस्थित रहे।