भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसरों में सर्वाइकल कैंसर सबसे आम है. हाल ही में इसे लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर के करीब 95 फीसदी मामले गरीब और ग्रामीण इलाकों में सामने आते हैं.
सर्वाइकल कैंसर के 95 प्रतिशत मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरल की वजह से होता है. आइए इसके बारे में और जानकारी के लिए मदरहुड हॉस्पिटल गुड़गांव की वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनल सिंघल एमबीबीएस, एमडी से जानते हैं.
डॉ. सोनल सिंघल ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर, जिसे गर्भाशय की मुखमारी या गर्भाशय के मुख का कैंसर भी कहा जाता है, यह गर्भाशय के मुख के क्षेत्र में होने वाले कैंसर को दर्शाता है. गर्भाशय का मुख गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित होता है और सर्वाइकल कैंसर एक महिला में आमतौर पर गर्भाशय के मुख के पास स्थित योनि के सामने होता है.
इन कारणों से हो सकता है सर्वाइकल कैंसर –
ह्यूमन पैपिलोमा (एचपीवी) वायरस संक्रमण: ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का संक्रमण इसका सबसे बड़ा कारण है, जिसमें कुछ प्रकार के एचपीवी कैंसर को बढ़ावा देते हैं.
धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करने से यह कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
आहार: खानपान में फलों, सब्जियों, अनाजों, फाइबर आदि की कमी भी इसके विकास में योगदान कर सकती है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण-
-योनि से रक्तस्राव
-योनि से दुर्गन्ध वाले, पीले या हरा वायरल का डिस्चार्ज का होना.
-गर्भाशय के मुख के पास पैरिनियम क्षेत्र में दर्द हो सकता है.
– गर्भाशय कैंसर बढ़ने पर पेट में दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है.
सर्वाइकल कैंसर का उपचार –
हिस्टेरेक्टोमी सर्जरी: सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरणों में, गर्भाशय को निकाल दिया जाता है.
रेडिएशन थेरेपी: ऊर्जा की किरणों का उपयोग करके कैंसर को खत्म किया जाता है.
कीमोथेरेपी: औषधियों का सेवन करके कैंसर को नष्ट किया जाता है.
इम्यूनोथेरेपी: शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए दवाओं का सेवन कर कैंसर को खत्म करने का प्रयास