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नाशपाती का सेवन करना सेहत के लिए हो सकता है फायदेमंद, जानिए क्या है लाभ…

बरसात के मौसम में फलों का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है. इस सीजन में कई ऐसे फल बाजार में आते हैं, जो सेहत के लिए बेहद चमत्कारी साबित हो सकते हैं. इनमें से एक स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर नाशपाती (Pears) है.

इस फल को सेहत के लिए वरदान कहा जा सकता है. नाशपाती में पोषक तत्वों और कई लाभकारी प्लांट कंपाउंड्स की भरमार होती है, जो इसे अमृत जैसा लाभकारी बना देते हैं. नाशपाती को डायबिटीज से बचाने और वजन घटाने के लिए बेहद असरदार माना जाता है. क्रॉनिक डिजीज से बचाव के लिए भी नाशपाती का सेवन किया जा सकता है. नाशपाती के हेल्थ बेनिफिट्स पर कई रिसर्च में मुहर लग चुकी है. आपको नाशपाती खाने के सबसे बड़े फायदों के बारे में बता रहे हैं.

शरीर को मिलता है भरपूर पोषण – नाशपाती खाने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार नाशपाती में प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, विटामिन C, विटामिन K, पोटेशियम समेत तमाम पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. नाशपाती को एंटीऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत माना जाता है. ये सभी पोषक तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से बचाव करने में मदद करते हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को नाशपाती का सेवन जरूर करना चाहिए. शुगर के मरीज भी बेहद कम मात्रा में नाशपाती खा सकते हैं.

पेट साफ कर कब्ज करे दूर – नाशपाती घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है, जो पाचन तंत्र के लिए जरूरी होते हैं. फाइबर शरीर में जाकर पेट साफ करने में मदद करता है और आंतों की परेशानियों से राहत दिलाता है. एक नाशपाती में करीब 6 ग्राम फाइबर होता है, जो आपकी दैनिक जरूरत का 21 प्रतिशत है. नाशपाती पेक्टिन से भरपूर होता है, जो पेट की सेहत को बेहतर बनाता है. यह फल कब्ज से राहत दिलाता है. नाशपाती के छिलके में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, इसलिए इस फल को बिना छीले खाना सबसे अच्छा है.

डायबिटीज का जोखिम होता है कम – नाशपाती खाने से डायबिटीज का खतरा कम करने में मदद मिलती है. खासतौर से लाल रंग की नाशपाती बेहद फायदेमंद होती है. एक अध्ययन में पाया गया था कि लाल नाशपाती जैसे एंथोसायनिन युक्त फलों को प्रतिदिन खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 23% कम हो सकता है. नाशपाती में मौजूद फाइबर पाचन को धीमा कर देता है, जिससे आपके शरीर को कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने और अवशोषित करने के लिए अधिक समय मिलता है. इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है.