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कभी 65 रुपये थी सैलरी, 13000 से शुरू किया बिजनेस, गांवों में हाथठेले पर बेची कुल्फी, अब बन गए करोड़पति…

देश में कई कारोबारियों ने छोटे स्तर से काम शुरू करके बड़ा मकाम हासिल किया है. लेकिन, सभी सफल बिजनेसमैन के बीच एक चीज कॉमन रही, और वह है कड़ा संघर्ष. हम आपको कई सफल कारोबारियों की कहानी बता चुके हैं और इसी कड़ी में आज एक और किस्सा बताने जा रहे हैं.

आपके लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल होगा कि कभी हाथ ठेले पर कारोबार करने वाला शख्स आज 19,077 करोड़ की कंपनी का मालिक है.

कामयाबी की ये कहानी है आरजी चंद्रमोगन की, जिन्होंने 1970 में अपना छोटा आइसक्रीम बिजनेस शुरू किया था. 74 वर्षीय आर जी चंद्रमोगन देश की सबसे बड़ी निजी डेयरी कंपनियों में से एक हटसन एग्रो प्रोडक्ट के अध्यक्ष हैं.
कंपनी से जुड़े 400000 किसान

आर जी चंद्रमोगन दक्षिण भारत के बिजनेस टाइकून्स में से एक हैं. महज 13,000 रुपये से बिजनेस शुरू करने वाले चंद्रमोगन आज 20,000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं और यह संभव हुआ है उनकी मेहनत और कड़े संघर्ष से.

हटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड बिक्री के हिसाब से देश की सबसे बड़ी निजी डेयरी कंपनियों में से एक है. आरजी चंद्रमोगन की यह कंपनी 10000 गांवों के 40,0000 किसानों से दूध लेती है. उनकी कंपनी 42 से अधिक कंपनियों को डेयरी सामग्री का निर्यात भी करती है.

बिजनेस के लिए छोड़ी नौकरी

आरजी चंद्रमोगन ने अपने करियर की शुरुआत एक लकड़ी डिपो में नौकरी से की. यहां उन्हें 65 रुपये महीना सैलरी मिलती थी. हालांकि, अपना बिजनेस शुरू करने के लिए उन्होंने एक साल बाद नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने 13,000 की पूंजी और 3 मजदूरों के साथ आइसक्रीम बिजनेस की शुरुआत की. खास बात है इस काम के लिए उन्हें यह रकम परिवार से मिली थी. शुरुआती दिनों में उन्होंने अपना फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर रखा और ठेला गाड़ियों के जरिए आइसक्रीम बेचीं.

हालांकि, आरजी चंद्रमोगन के लिए सफलता की राह इतनी आसान नहीं थी, क्योंकि उन्हें शुरुआती दिनों में संघर्ष करना पड़ा. लेकिन, पहले साल में उनकी पूंजी बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो गई, जिससे उन्हें बिजनेस को आगे बढ़ने का भरोसा मिला. इसके बाद 1981 में अपने छोटे से व्यवसाय बड़े शहरों में पहुंचाने के लिए ‘अरुण’ आइसक्रीम ब्रांड स्थापित किया. 1986 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर वर्तमान Hatsun Agro Product कर दिया.