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यूपी में मूसलाधार बारिश ने ढाया कहर अलग-अलग हादसों में 44 लोगो की मौत

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बुधवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने कहर ढा दिया है। गुरुवार को जगह-जगह मकान, दीवार, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। रेलवे ट्रैक पर ओएचई लाइन टूट जाने से कई ट्रेनों के पहिए थम गए, विमान सेवा बाधित हुई और बिजली व्यवस्था चरमरा गई। कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान लखनऊ समेत अवध क्षेत्र में हुआ है। यहां 18 लोगों की जान चली गई। वहीं, प्रयागराज, कौशाम्बी व प्रतापगढ़ में 14, मध्य यूपी व बुंदेलखंड में छह और पूर्वांचल में छह लोगों की मौत हुई है।

घनघोर बारिश के चलते लखनऊ के मोहिबुल्लापुर स्टेशन पर जलभराव में डूबने से दो बच्चों की और अलीगंज में बिजली का झटका लगने से एक बच्चे की जान चली गई। निगोहा में एक घर, मोहनलालगंज में तहसील की छत समेत आधा दर्जन घरों की दीवारें ढह गईं। लखनऊ का दो तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया। मानकनगर में ट्रैक पर पानी भरने से कानपुर से आने-जाने वाली ट्रेनें उत्तर रेलवे के ट्रैक से गईं। जिले में बिजली का हाहाकार रहा। 52 से अधिक पोल पेड़ गिरने व चार दर्जन से अधिक ट्रांसफर दग गए। बाराबंकी के बसायगपुर मजरा ढेमा, खुशेहटी, महमूदपुर मजरे टिकरा घाट और जेठौती कुर्मियान गांव में दीवार व कच्चे मकान गिरने से पिता-पुत्र समेत पांच लोगों की मौत हो गई है।

पेड़ टूटने से लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर डेढ़ घंटे से अधिक जाम लगा रहा। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से साबरमती ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बची। रायबरेली के पोरई, टिकरिया व जायस गांव में सात साल की बच्ची व दो महिलाओं की मौत हो गई। दीवार व छप्पर गिरने से अमेठी जिले में पांच साल की बच्ची समेत दो, अयोध्या के दोस्तपुर व देवगिरी गांव में दो, सुलतानपुर के गोसाईगंज व कोतवाली देहात में दो और सीतापुर के महमूदाबाद में एक बच्ची की जान चली गई। कुछ लोग घायल भी हैं और विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सैकड़ों गांवों में अंधेरा पसर गया।

प्रयागराज, कौशाम्बी में भारी नुकसान
प्रयागराज समेत कौशाम्बी और प्रतापगढ़ में मूसलाधार बारिश ने कहर ढा दिया। जर्जर मकान गिरने से प्रयागराज में छह, कौशाम्बी में तीन और प्रतापगढ़ में पांच लोगों की की जान गई। प्रशासन सभी तहसीलों से आकड़े एकत्र कर रहा है, जिससे मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जा सके। प्रयागराज में शंकरगढ़ क्षेत्र के कचारी गांव के जंगल में खंडहरनुमा मकान गिर गया। मलबे में दबने से दो गार्डों की मौत हो गई। मऊआइमा के सेमरा बीरभानपुर में एक अधेड़ की मौत हो गई। कोरांव क्षेत्र में एक और सदर तहसील के अंतर्गत मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं फूलपुर के मौजा आले मऊ स्थित कान्हा गोशाला में पांच गोवंशों ने दम तोड़ दिया और सात गंभीर रूप से बीमार हैं। कोहंडौर और कंधई इलाके में दो बुजुर्ग महिलाओं ने दम तोड़ दिया। गोंड़े गांव में बहन के घर आए एक युवक की मलबे में दबने से और लालगंज में कच्चा मकान गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। अंतू क्षेत्र में चार साल के बच्चे की जान चली गई। इधर कौशाम्बी के पइंसा क्षेत्र के जवई पंडिरी में एक वृद्ध, रामपुर बढ़नावा गांव 11 वर्षीय बच्चे तथा नेवादा के बिरनेर में एक अधेड़ महिला की दीवार के मलबे में दबने से मौत हो गई।

मध्य यूपी व बुंदेलखंड में जन-जीवन अस्त-व्यस्त
फतेहपुर में घरगिरी की घटनाओं में मासूम समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दंपति घायल हो गए। बांदा में कच्चा मकान गिरने ने युवक की मौत हुई। इटावा में बारिश के दौरान हावड़ा-दिल्ली रेलमार्ग पर पेड़ गिरने से ओएचई लाइन टूट गई, जिससे इटावा जंक्शन समेत आसपास के स्टेशनों पर कई प्रमुख ट्रेनें खड़ीं हो गईं। बारिश के कारण जन-जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। घरों में पानी भरने से लोग गृहस्थी समेटते दिखे। मध्य यूपी के जिलों में औसतन 42 मिमी और बुंदेलखंड में 32 मिमी बारिश दर्ज की गई।

पूर्वांचल में गिरे दर्जनों कच्चे मकान
बलिया को छोड़कर पूर्वांचल के 9 जिलों में दिनभर रुक रुककर बारिश होती रही। जौनपुर में कच्चे मकान और पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। आजमगढ़ में दीवार गिरने से एक की जान चली गई। चंदौली में वज्रपात से किसान की मौत हो गई। पूर्वांचल भर में गुरुवार को औसत सात एमएम बारिश होने का अनुमान है। बारिश से सब्जी की फसल को काफी नुकसान हुआ है। भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़ और मऊ के कई इलाकों में बिजली के तार टूट जाने से 270 से अधिक गांवों की आपूर्ति बाधित है। चंदौली के आधा दर्जन गांवों में कच्चे मकान ढहने से आधा दर्जन लोग चोटिल हैं।

सब्जी, धान की अगैती फसल को नुकसान
मूसलाधार बारिश से धान और सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा है। पूर्वांचल में खासतौर पर धान की अगैती फसल पर बुरा असर पड़ा। लखनऊ मण्डल के कृषि उप निदेशक सीपी श्रीवास्तव के अनुसार अगैती फसल में बालियां आने लगी हैं। इसलिए तेज हवा और बारिश से फसल खेत में गिर गई। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि मक्का, ज्वार और बाजरा के खेतों में भरा पानी मेड़ काटकर तत्काल निकाल दें। बहराइच, अम्बेडकरनगर समेत कई जगह गन्ने की फसल गिर गई है। केले की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।

तीन दिन तक बारिश की संभावना
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार प्रदेश के मौसम में यह बदलाव मध्य प्रदेश व आसपास केन्द्रित कम हवा के दबाव क्षेत्र की वजह से आया है। बीते 24 घंटे से प्रदेश में मानसून सक्रिय है। 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली। इस वजह से तमाम इलाकों में पेड़, खंभे और मकानों की दीवारें गिरने की घटनाएं हुईं। राज्य में बदली बारिश का यह सिलसिला अलग-अलग इलाकों में 19 सितंबर तक जारी रहने के आसार हैं।