Sunday , November 24 2024

‘अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के हमें सही साबित किया’, गाजा में नरसंहार के आरोपों पर बोले सरिल रामाफोसा

पिछले साल सात अक्तूबर को गाजा स्थित आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे। जिसके बाद से हमास और इस्राइल के बीच भीषण युद्ध की शुरूआत हुई। जवाबी कार्रवाई में इस्राइल लगातार गाजा स्थित हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हमास और इस्राइल युद्ध को लेकर दुनिया दो भागों में बंट गई है। जहां एक तरफ कई देश गाजा की पैरवी कर रहे है तो वहीं इस्राइल की हितैषी देशों की संख्या में भी कोई कमी नहीं है। दोनों के बीच चल रहे युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से आग्रह किया था कि वह इस्राइल को हमास आतंकवादियों के खिलाफ अपने सैन्य कार्रवाई को रोकने के आदेश दें। हालांकि कोर्ट ने इस तरह के आदेश देने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान इस्राइल को सैन्य हमले के दौरान मौत और क्षति को कम करने की हिदायत दी गई है। इस फैसले को लेकर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि फलस्तीनियों और न्याय सुरक्षा की दिशा में यह एक खास कदम है।

‘कोर्ट ने हमारे आरोपों को सही साबित किया’
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि नरसंहार मामले में संयुक्त राष्ट्र अदालत के फैसले ने हमें सही साबित किया है। अतंरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले ने गाजा में हमास के खिलाफ इस्राइली कार्रवाई के दौरान नरसंहार के लगाए गए हमारे आरोपों को सही साबित किया है।

हम भेदभाव, हिंसा के दर्द को समझते हैं- रामाफोसा
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए रामाफोसा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकारों और सबसे ऊपर न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमें अपने काम से काम रखने को कहा है। कई लोगों ने कहा कि हमारी कोई हैसियत नहीं है। लेकिन हम फिर भी पीड़ितों के साथ खड़े रहे। क्योंकि हम भेदभाव, बेदखली और हिंसा के दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं। हमने रंगभेद जैसे अपराध के शिकार रहे हैं। हम दर्द का एहसास है। हम द्द में जिए और अनुभव किया। हमने अपने कई प्रिय नेताओं को खाया है, कई लोगों ने जेल में प्रताड़ना को झेला था।

दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है- रामाफोसा
रामाफोसा ने कहा कि दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है, हम दर्शक बने नहीं रह सकते हैं। हम उन अपराधों को नहीं देखेंगे जिसमें लोगों का शोषण हो रहा हो। हम सभी के लिए स्वतंत्रता के पक्ष में खड़े हैं। हम सदैव न्याय के साथ खड़े हैं।