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कृष्ण जन्मभूमि मामले में अदालत का बड़ा फैसला, ईदगाह कॉम्प्लेक्स के सर्वे पर रोक जारी रहेगी

सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा और इसके बगल में बनी ईदगाह को लेकर जारी भूमि विवाद पर अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा, फिलहाल ईदगाह कॉम्पलेक्स के सर्वे पर लगी रोक यानी स्टे ऑर्डर प्रभावी रहेगा। अदालत में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की तरफ से दायर याचिका पर आगे की सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी।

अगले तीन महीने में सभी दलीलें पेश करने का निर्देश
मथुरा के बहुचर्चित श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, हाईकोर्ट की तरफ से पारित अंतरिम आदेश जहां भी दिए गए हैं, शीर्ष अदालत का अंतिम फैसला आने तक वही प्रभावी रहेंगे। अप्रैल, 2024 में मामले को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए अदालत ने मुकदमे में शामिल सभी पक्षों को अगले लगभग तीन महीने में दलीलें पूरी करने का निर्देश भी दिया।

शीर्ष अदालत ने साफ किया कि मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी सभी याचिकाओं पर अप्रैल में एक साथ सुनवाई होगी। बता दें कि विगत 16 जनवरी को पारित आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर, 2023 को पारित आदेश में कहा था कि कोर्ट की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद कॉम्पलेक्स का सर्वे कराया जाए। सर्वे की निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाने पर भी रोक लगाई गई है। मुकदमे से जुड़े हिंदू पक्षकारों की दलील है कि मस्जिद परिसर में कई ऐसे चिह्न मौजूद हैं, जिनसे प्रमाणित होता है कि इतिहास में यह मंदिर था।

स्टे ऑर्डर जारी रखने के आदेश के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि हाईकोर्ट में लंबित टाइटल सूट पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रोसीजर कोड (CPC) के ऑर्डर 7 नियम 11 के तहत हाईकोर्ट में भूमि विवाद पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने हिंदू पक्षकारों से कहा है कि मस्जिद समिति की तरफ से दायर याचिका पर जवाब दाखिल करें।

क्या है मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट तक कैसे पहुंच गया विवाद
गौरतलब है कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर भूमि विवाद लंबे समय से जारी है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या की राम जन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर ही मथुरा में भी अलग और भव्य मंदिर बनाने की मांग हो रही है। जमीन के मालिकाना हक को लेकर जारी मुकदमे में अहम मोड़ उस समय आया जब अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की मांग होने लगी। ईदगाह कॉम्पलेक्स का सर्वे कराने के लिए पहले याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंय गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाई गई है।