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भारत-अमेरिका के बीच 11वीं द्विपक्षीय वार्ता, प्रत्यर्पण सहित कई मुद्दों पर चर्चा

भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को नई दिल्ली में 11वीं द्विपक्षीय राजनयिक वार्ता की। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। इसमें प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन, कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा व अपने-अपने नागरिकों की यात्रा को सुगम बनाने जैसे मुद्दे शामिल थे।

केजे श्रीनिवासन ने किया भारत का नेतृत्व
विदेश मंत्रालय (एमईए) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एमईए के संयुक्त सचिव (सीपीवी) केजे श्रीवास्तव ने किया जबकि अमेरिका की वाणिज्य दूतावास मामलों की सहायक विदेश मंत्री रेना बिटर ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया।

इन मुद्दों पर हुई दोनों देशों के बीच चर्चा
बयान के मुताबिक, इस वार्ता ने दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों और सहयोग मजबूत किया। दोनों देशों ने आपसी हित के राजनयिक मुद्दों को साझा किया। दोनों पक्षों ने प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन, कमजोर तबके की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और अपने-अपने नागरिकों की यात्रा को सुगम बनाने जैसे कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

रेना बिटर ने भारत पहुंचने पर क्या कहा था
उन्होंने कहा था, हम यहां आने के लिए बहुत उत्साहित थे। भारत के साथ राजनयिक मुद्दों पर यह हमारी 11वीं वार्षिक वार्ता है। अमेरिका और भारत बहुत सारी चीजों के बारे में बात करेंगे। किसी भी समय के इतिहास की तुलना में आज अधिक संख्या भारतीय अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। हम कुछ ऐसे मुद्दों पर भी बात करेंगे जो दोनों देशों के बीच वास्तव में पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाते हैं।

’75 फीसदी कम हुआ वीजा के लिए इंतजार का समय’
बिटर ने कहा, इतिहास के किसी भी समय की तुलना में आज भारतीय ज्यादा संख्या में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। पिछले साल इस हमने 14 लाख वीजा देने का फैसला किया, जो कि बीते कई वर्षों में सबसे अधिक है। हमने जबरदस्त प्रगति की है। हमारी ओर से हर श्रेणी में वीजा जारी किए गए हैं। हमारे पास मानवीय मुद्दों से निपटने और व्यापार वीजा में तेजी लाने के लिए तंत्र है। बीते वर्षों में वीजा के लिए इंतजार के समय को हमने 75 फीसदी कम कर दिया है।