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मौसमी बुखार को न करें नजरअंदाज, सुरक्षित रहने के लिए बताए जरूरी उपाय

इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है, दिन में अधिक तापमान और सुबह-शाम इसमें गिरावट वाला सीजन आपके लिए समस्याकारक हो सकता है। इस तरह के बदलते मौसम में आपके बीमार पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन दिनों सीजनल फ्लू का समस्या अधिक देखी जाती रही है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनके बीमार पड़ने की खतरा ज्यादा हो सकता है। बीमारियों से बचाव को लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन दिनों में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। सीजनल फ्लू, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला श्वसन संक्रमण है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में आम है। अधिकांश लोग बिना उपचार के ही ठीक हो जाते हैं। इन्फ्लूएंजा का संक्रमण खांसने या छींकने से आसानी से फैलता है।

मौसम में बदलाव और फ्लू की समस्या

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, संक्रमण को नियंत्रित करने और स्वस्थ रहने के लिए इन दिनों सभी लोगों को एहतियाती उपाय करना जरूरी है। यदि आप मौसमी फ्लू के लक्षणों का अनुभव करते हैं तो संक्रमण को फैलने से रोकने और परिवार के अन्य लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।

इन्फ्लूएंजा के कारण बुखार होने या ठंड महसूस होने, खांसी-गला खराब होने, नाक बहने, मांसपेशियों या शरीर में दर्द के साथ थकान की दिक्कत बनी रहती है। कुछ लोगों को बुखार और लक्षणों को ठीक करने के लिए सामान्य उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

क्या है मंत्रालय की सलाह?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौसमी फ्लू के दौरान कुछ लोगों को उल्टी और दस्त हो सकते हैं, हालांकि यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक आम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी साक्षा करते हुए संक्रामक रोग से बचाव के लिए कुछ उपायों पर ध्यान देते रहने की सलाह दी है।

  • घर पर रहें और लोगों के संपर्क में आने से बचें
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क अवश्य पहनें
  • डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें।
    मौसमी फ्लू के अधिकांश लक्षण 4 से 7 दिनों में दूर हो जाते हैं। खांसी और थकान हफ्तों तक बनी रह सकती है। बीमारी की स्थिति में भूख न लगने या खाने की इच्छा न होने की भी समस्या हो सकती है।