लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अतिवृष्टि से जन-धन की व्यापक क्षति हुई है। हजारों एकड़ क्षेत्र जलमग्न हो गए है। किसानों की खड़ी फसल डूब गई है। धान, गन्ना, मक्का, केला, उड़द, बाजरा आदि फसलों को भारी पहुंचा है। भाजपा सरकार किसानों की पीड़ा और नागरिकों की व्यथा से संवेदनहीन बनी हुई है।
भाजपा अपनी किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों की उपेक्षा और पूंजीघरानों का पोषण करती आई है। उसके सत्ता में आने के बाद से ही उसकी दशा बिगड़ती गई है। खेती के काम आने वाली हर चीज मंहगी हो गई है। किसानों को धोखा देते हुए भाजपा सरकार कभी आय दुगनी करने की बात करती है तो कभी एमएसपी का भरोसा दिलाती है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किसानों के लिए जो वायदे किए उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया है।
किसान को राहत देने में भाजपा को कोई रूचि नहीं है। पेट्रोल-डीजल, बिजली, खाद बीज, कीटनाशक इन सबके दाम आसमान छू रहे हैं। धान की खेती की लागत 40 प्रतिशत बढ़ गई है। इन सब परेशानियों से जूझ रहे किसान पर अब अतिवृ़िष्ट की मार पड़ी है। वह आत्महत्या न करे तो क्या करे?
श्री यादव ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत की दिशा में भाजपा सरकार का कोई कदम न उठाना चिंता का विषय है। किसान के मवेशी भी इस संकट में फंसे है। बरसात के साथ बीमारियों के दौर भी शुरू हो जाते है। वर्षा से जलमग्न इलाकों में पानी निकालने का भी प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है।
भाजपा सरकार ने बरसात से पहले की चेतावनी पर ध्यान दिया होता तो जनता परेशानी में नहीं पड़ती। किसान की फसल का नुकसान नहीं होता। अपनी अकर्मण्यता के बाद अब भाजपा सरकार को तुरन्त राहत कार्य शुरू करना चाहिए। जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है उनको आपदा फसल बीमा के अन्तर्गत मदद दी जानी चाहिए। कृषि दुर्घटना बीमा योजना में प्रीमियम का कितना भुगतान किया जा रहा है यह सरकार स्पष्ट करे।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता