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इन दुर्गा माता मंदिरों की है खास महिमा, दर्शन मात्र से मनोकामना हो सकती है पूरी

चैत्र नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस मौके पर घर में घटस्थापना होती है। साथ ही आसपास के दुर्गा माता मंदिरों के दर्शन के लिए भक्त जाते हैं। देश में कई प्राचीन दुर्गा माता मंदिर हैं, साथ ही 52 देवी शक्तिपीठ हैं, जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। कई मंदिरों की चमत्कारी मान्यता है। कहा जाता है कि कुछ दुर्गा माता मंदिर ऐसे हैं, जहां दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि के मौके पर इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की होड़ लगती है, क्योंकि यहां नौ दिन दर्शन मात्र से इच्छापूर्ति होती है।

कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी

असम राज्य के गुवाहाटी शहर में नीलांचल पहाड़ियों पर कामाख्या मंदिर स्थित है। इस स्थान पर देवी सती का एक अंग गिरा था, जिस कारण कामाख्या माता मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ माता जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का योनि भाग गिरा था। नवरात्रि के मौके पर कामाख्या माता मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं।

वैष्णो देवी मंदिर, कटरा

जम्मू कश्मीर राज्य में माता वैष्णो देवी का दरबार है। यह भारत के सबसे प्राचीन और प्रमुख दुर्गा मंदिरों में से एक है। राज्य के कटरा जिले में त्रिकुटा पहाड़ी पर माता का मंदिर है। यहां माता दुर्गा वैष्णो देवी के रूप में विराजमान हैं। महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती पिंडी के रूप में त्रिकुटा पर्वत पर एक गुफा में रहती हैं।

ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वाला देवी मंदिर स्थित है। मान्यता है कि ज्वाला देवी मंदिर में दर्शन से भक्तों के सभी कष्टों का अंत हो जाता है। इस स्थान पर देवी सती की जीभ गिरी थी । बाद में राजा भूमि चंद कटोच ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में अखंड ज्वाला जलती रहती है। मान्यता है कि ज्वाला के रूप में माता दुर्गा यहां विराजमान हैं। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं, कहते हैं कि ज्वाला जी कि दर्शन से बिगड़े काम बन जाते हैं।