शाहाबाद(हरदोई)भारतीय जीवन बीमा निगम,शाहाबाद शाखा का कार्यालय कुव्यवस्था का शिकार हो गया है।जिसकी वजह से पॉलिसीधारक एवं अभिकर्ता बेहद परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय शाहाबाद में बाकायदा शाखा प्रबंधक,सहायक शाखा प्रबंधक के लिए आवास बने हुए हैं।परंतु शाखा प्रबंधक राम नरेश रोजाना रोजा,शाहजहांपुर स्थित अपने निजी आवास से आते जाते हैं।इसी प्रकार अनेक प्रशासनिक अधिकारी व बीमा कर्मचारी शाहजहांपुर से आते जाते हैं। इसी तरह सहायक शाखा प्रबंधक मुनेन्द्र कुमार सहित कुछ बीमा कर्मचारी हरदोई जिला मुख्यालय से अप डाउन करते देखे जा सकते हैं।जिसकी वजह से एल आई सी दफ्तर का कामकाज प्रभावित होता है।दफ्तर में देर से आकर जल्दी चले जाना ही इन बीमा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का ढर्रा बन गया है।इस वजह से पॉलिसी धारकों की साधारण सेवाएं देने में भी यह शाखा अक्षम हो गई है।अनेक अभिकर्ताओं और पॉलिसी धारकों ने बताया कि एल आई सी के विकास अधिकारी दीवान सिंह,विकास, प्रशासनिक अधिकारी विनय कुमार चौरसिया,सुरेश,अमन यादव एवं बृजेश कुमार के अलावा केवल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ही शाहाबाद मुख्यालय पर रहते हैं।जबकि नियमतः एल आई सी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तहसील शाहाबाद की 06 किमी. की परिधि क्षेत्र में निवास करना चाहिए।
अनेक अभिकर्ताओं ने बताया कि एजेंट्स की यूनिट मीटिंग में प्रत्येक अभिकर्ता पर 300 रुपए व्यय मंडल कार्यालय बरेली से अनुमन्य है।परंतु हाल में हुईं यूनिट मीटिंग में अभिकर्ताओं को केवल सौ रुपए का उपहार देकर प्रबंधक ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।कुछ अभिकर्ता जो यूनिट मीटिंग से अनुपस्थित रहे,उनसे हस्ताक्षर तो करा लिए गए परंतु उन्हें अभी तक उपहार नहीं दिया गया।बताते हैं कि जब से उपरोक्त शाखा प्रबंधक शाहाबाद ब्रांच में तैनात किए गए हैं तब से पुरस्कार के नाम पर कैस रोल ही बांट रहे हैं।शाखा प्रबंधक द्वारा समय से अभिकर्ताओं का कैश अवार्ड भी अभिकर्ताओं के खातों में स्थानांतरित नहीं किया जाता।अगर कोई पॉलिसी धारक या अभिकर्ता अपनी कोई समस्या शाखा प्रबंधक से कहना चाहता है तो वह उनसे दुर्व्यवहार करते देखे जा सकते हैं।पॉलिसी धारकों ने बताया कि एल आई सी की इस ब्रांच में टोकन मशीन न होने की वजह से उन्हें लाइन में लगकर घंटों खड़े रहना पड़ता है।ग्राहकों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था भी एल आई सी कार्यालय में नहीं है।इस शाखा में नामांतरण,नामांकन,त्रुटि सुधार,डुप्लीकेट पॉलिसी जारी कराने,कालातीत पॉलिसी के पुनर्चलन/रिवाइवल के लिए घोर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।पॉलिसी में बैंक अकाउंट नेफ्ट, पैन,आधार आदि फीड कराने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।इस शाखा में इंक्वायरी काउंटर पर समय से कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं रहता।रिवाइवल फॉर्म आदि भी उपलब्ध कराने में टालमटोल की जाती है।पॉलिसी धारक आदिल खां ने बताया कि उन्होंने अपनी पॉलिसी संख्या 211560733 की डुप्लीकेट पॉलिसी बांड जारी कराने के लिए ,फरवरी 2021 में आवेदन किया था।परंतु सात माह बाद भी उन्हें इस शाखा से डुप्लीकेट पॉलिसी बांड जारी नहीं किया गया।इसी तरह ऋण के आवेदन पत्र हफ्तों ने निस्तारित नहीं किए जाते।मोहल्ला पटकाना,शाहाबाद के पॉलिसी धारक सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने दो बच्चों का घरेलू नाम से बीमा करा दिया था।अब वह शैक्षिक अभिलेखों के अनुसार पॉलिसी पर नाम बदलवाना चाहते हैं परंतु छह माह से वह एल आई सी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं।इस शाखा में बीमा कर्मी और अधिकारी तरह तरह के बहाने कर रहे हैं।एक प्रशासनिक अधिकारी तो सीधे मना करते हुए कह देते हैं कि हमें इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बाबजूद शाखा प्रबंधक दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित कराने के लिए कह रहे हैं।मोहल्ला खेड़ा बीबीजई के सुधीर कुमार बताते हैं कि उन्होंने अपनी पॉलिसी संख्या 227382330 पर करीब 13 दिन पूर्व ऋण के लिए प्रार्थना पत्र फार्म आदि दिया था परंतु अभी तक उन्हें स्वयं की पॉलिसी पर ऋण नहीं मिला है।ब्रांच में जाने पर बताया जाता है कि कल ऋण भुगतान हो जायेगा। मोहल्ला गिलजई,शाहाबाद की सुमन ने बताया कि उन्हें एल आई सी की जीवन शांति पॉलिसी संख्या 208686527 कराए करीब ढाई साल से ज्यादा का समय हो रहा है।परंतु उनका मूल पॉलिसी बांड अभी तक उन्हें बीमा दफ्तर से नहीं मिला है।
अभिकर्ता और पॉलिसी धारक ही नहीं वरन एल आई सी के कुछ विकास अधिकारी भी बीमा कार्यालय में व्याप्त अव्यवस्था से नाखुश हैं।