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राज्य कर में सालाना 44 करोड़ की मलाईदार कुर्सी के लिए मची होड़, 2210 करोड़ का है सालाना कलेक्शन

लखनऊ:  दो लाख रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार डिप्टी कमिश्नर के हटने के बाद अब राज्यकर विभाग के लखनऊ खंड-20 की कुर्सी के लिए होड़ मची है। इसे लेकर अफसरों के बीच अंदरूनी गुटबाजी तेज हो गई है। दरअसल, लखनऊ का खंड-20 पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला खंड है। अकेले इस खंड से ही सालाना 2200 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिलता है। रिफंड केस में दो फीसदी ‘सेवा शुल्क’ फिक्स है। यानी 44 करोड़ रुपये साल की ऊपरी कमाई इस खंड से है। ऐसे में इस कुर्सी पर कब्जे को लेकर अपने ‘खास’ की तैनाती को लेकर रसूखदार अफसरों में अभी से जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। आचार संहिता लागू होने के कारण जून के बाद खंड 20 में डिप्टी कमिश्नर की तैनाती होनी है।

राज्य कर विभाग में पिछले महीने खंड 20 के डिप्टी कमिश्नर धनंजय कुमार पांडेय को घूस लेने के आरोप में विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया था। पिछले हफ्ते डिप्टी कमिश्नर को बेल मिल गई। उन्हें हटाए जाने के बाद फिलहाल खंड 15 के पास खंड 20 की अस्थायी जिम्मेदारी है। स्थायी रूप से आचार संहिता हटने के बाद यहां तैनाती होगी, लेकिन इस खंड के लिए अभी से मारामारी मची है। बड़ी-बड़ी सोर्स सिफारिशों का दौर शुरु हो गया है। सूत्रों के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह ‘मलाईदार पोस्ट’ है। खंड में केवल फाइलों की जांच और रिफंड से ही 44 करोड़ रुपये साल की ‘फिक्स कमाई’ है। खंड में तीन वर्ष के लिए पोस्टिंग होती है। यानी केवल एक पोस्टिंग में 132 करोड़ रुपये की आमदनी। इस कमाई का बंटवारा तीन से चार हिस्सों में होता है।

443 खंडों में नंबर वन लखनऊ का खंड 20
उत्तर प्रदेश में राज्य कर विभाग के 443 खंड हैं। इनमें सबसे ज्यादा राजस्व लखनऊ का खंड 20 देता है। यहां वर्ष 23-24 का राजस्व 2210 करोड़ रुपये था। ये कलेक्शन अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, इटावा, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर और वाराणसी प्रथम से ज्यादा है। प्रदेश के कुल 20 जोन में से 9 जोन ऐसे हैं, जिनसे ज्यादा कलेक्शन लखनऊ के इस खंड का है।