Friday , November 22 2024

शोध- ऐसी महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा अधिक, ज्यादातर को पता ही नहीं है बचाव का तरीका

हृदय रोग और हार्ट अटैक को दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। अध्ययन बताते हैं कि वैसे तो पुरुष-महिला दोनों में हृदय रोगों का जोखिम अधिक होता है पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले अधिक देखे जाते रहे हैं। इसी से संबंधित एक हालिया अध्ययन में पीजीआई चंडीगढ़ के हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों ने बड़ा दावा किया है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलम दहिया ने सावधान करते हुए बताया है कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में हृदय रोग-हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो सकता है। जिन महिलाओं का वजन सामान्य से अधिक है उन्हें हृदय की सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना चाहिए।

अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक हृदय रोग से पीड़ित 44 प्रतिशत महिलाओं में मोटापे को प्रमुख जोखिम कारक पाया गया है। तीन वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, हृदय रोगों से पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में लक्षण भी अधिक गंभीर देखे गए हैं। इसके अलावा हृदय रोगों से पीड़ित 13-15 प्रतिशत महिलाएं 50 वर्ष से कम उम्र की थीं।

महिलाओं में हृदय रोगों का बढ़ता खतरा

प्रोफेसर नीलम बताती हैं, अधिक वजन की समस्या को पहले से हृदय रोगों का प्रमुख कारक माना जाता रहा है। इस अध्ययन में भी मोटापे को आधे से ज्यादा हृदय रोगों से पीड़ित महिलाओं में प्रमुख जोखिम कारक पाया गया है। इनमें से केवल एक फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जिनका आहार हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा (पर्याप्त फल और सब्जियां) माना जा सकता है। सबसे चिंताजनक बात ये है कि ज्यादातर महिलाओं में हृदय रोग और इससे संबंधित जोखिम कारकों के बारे में भी जागरूकता भी कम देखी गई है।

धूम्रपान और नमक की अधिकता बढ़ा रही है खतरा

अध्ययन में डॉक्टरों ने कहा धूम्रपान और अधिक मात्रा में नमक के सेवन को भी हृदय रोगों को बढ़ाने वाले कारकों के रूप में जाना जाता है। हालांकि केवल 47 प्रतिशत महिलाओं को नमक का सेवन कम करने और 30 प्रतिशत से कम को धूम्रपान छोड़ने और स्वस्थ आहार लेने का सुझाव दिया गया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा ये आंकड़े महिलाओं में हृदय रोग के जोखिमों के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसके बढ़ते खतरे से निपटने के लिए निवारक उपाय करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं। अगर समय रहते इसपर ध्यान न दिया गया तो ये बड़े स्वास्थ्य जोखिम के तौर पर उभरने वाली समस्या हो सकती है।

कम उम्र की महिलाओं में भी देखा जा रहा है जोखिम

अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक हृदय रोगों से पीड़ित 10 प्रतिशत महिलाएं 40 से कम उम्र की हैं। यह और भी चिंताजनक स्थिति है। मोटापे के अलावा युवाओं में बढ़ते तनाव की स्थिति को भी भारत में हृदय रोग के प्रमुख खतरों में से एक पाया गया है। व्यस्त जीवनशैली और बढ़ती आपसी प्रतिस्पर्धी ने तनाव की समस्या को भी बढ़ा दिया है जिसके कारण कम आयु के लोग भी हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं।