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प्रसव के बाद हो सकती हैं कई स्वास्थ्य समस्याएं, बचाव के लिए नई मां को करने चाहिए ये योगासन

मां बनना एक अद्भुत अहसास है लेकिन 9 महीने और प्रसव के बाद शिशु को अपनी गोद में लेने वाली महिला के लिए इस अनुभव के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव भी हो सकता है। प्रसव के बाद महिलाओं को कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होती हैं, जैसे पोस्ट पार्टम डिप्रेशन, बालों का झड़ना, पाइल्स, वजन बढ़ना, स्तनों में सूजन व दर्द, पेशाब करने में समस्या और सी सेक्शन के बाद पेल्विस का कमजोर होना। अधिकतर महिलाएं शिशु को जन्म देने के बाद खुद पर ध्यान नहीं दे पाती, जिससे उनके शरीर का शेप भी बिगड़ सकता है।

ऐसे में नार्मल डिलीवरी हो या सी सेक्शन से शिशु का जन्म हुआ हो, प्रसव के बाद महिलाओं को संतुलित आहार व योग के जरिए अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। योग से शरीर टोन होने के साथ ही मन स्थिर व तनाव कम होने लगता है। वहीं कोर स्ट्रेंथ को रिकवर करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं कि नई मां को यानी प्रसव के बाद महिला को किन योगासनों का अभ्यास करना चाहिए।

भुजंगासन

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद कोर को मजबूत बनाने के लिए नई मां को भुजंगासन का अभ्यास करना चाहिए। यह आसन रीढ़, बट की मांसपेशियों, छाती, पेट, कंधों और फेफड़ों को मजबूत करता है। पेट की चर्बी कम करने के साथ ही तनाव को दूर करने में सहायक है। साथ ही कंधे, पेट और छाती की मांसपेशियों को टोन करता है।

कैट काऊ पोज

प्रसव के बाद वजन को कंट्रोल में रखने के लिए कैट काऊ पोज या मार्जरी आसन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

बालासन

बच्चे के जन्म के बाद नई मां का वजन बढ़ने के साथ ही मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द की समस्या हो सकती है। मसल्स को रिलैक्स करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाने के लिए बालासन का अभ्यास असरदार है। इस आसन से दर्द व तकलीफ में आराम मिलता है और नींद भी अच्छी आती है।