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पूर्व सांसद केडी सिंह के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया दूसरा मुकदमा, जब्त हो चुकी है 30 करोड़ की संपत्ति

लखनऊ:तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद केडी सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ सीबीआई ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने यूपी सरकार की सिफारिश पर इस प्रकरण की जांच अपने हाथों में ली है। बता दें कि देशभर में निवेशकों की रकम हड़पने को लेकर केडी सिंह के खिलाफ सीबीआई पहले भी मुकदमे दर्ज कर चुकी है।

सीबीआई ने पूर्व सांसद से जुड़ी कंपनियों अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड और अलकेमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड द्वारा निवेशकों को लुभावनी स्कीम पर भूखंड और मकान देने का झांसा देकर गाढ़ी कमाई हड़पने के मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे में केडी सिंह के साथ बृजमोहन महाजन, सत्येंद्र कुमार सिंह, सुचित्रा खेमकर, नंद किशोर सिंह, जयश्री प्रकाश सिंह, छत्रपाल सिंह और नरेंद्र सिंह को नामजद किया है।

दरअसल, केडी सिंह और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने 2009 में भदोही में कंपनियों का कार्यालय खोलने के बाद लुभावनी स्कीमों के जरिये निवेशकों से करीब दो करोड़ रुपये जमा कराए थे। बाद में निवेशकों को भूखंड नहीं दिए गए। निवेशकों द्वारा अपनी रकम वापस मांगने पर कंपनी के संचालक वर्ष 2018 में कार्यालय बंद करके भाग गए।

दो साल में दूसरा मुकदमा
बता दें कि केडी सिंह और उनकी कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने दो साल के भीतर दूसरा मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले प्रदेश सरकार की सिफारिश पर आजमगढ़ में दर्ज मुकदमे की जांच भी सीबीआई ने 26 जुलाई 2022 को टेकओवर की थी। करीब सौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का यह मुकदमा निवेशक विजय कुमार चौहान ने दर्ज कराया था। सीबीआई ने तब केडी सिंह के 12 ठिकानों पर छापा भी मारा था। तत्पश्चात सीबीआई ने केडी सिंह को गिरफ्तार भी किया था।

ईडी ने जब्त की 30 करोड़ की संपत्ति
ईडी ने भी केडी सिंह के खिलाफ वर्ष 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसके बाद बीते मार्च माह में उनकी करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया गया था। इसमें एयरक्राफ्ट, हिमाचल प्रदेश के शिमला में 250 बीघा भूमि और सिरमोर में 78 बीघा भूमि शामिल थी। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में अलकेमिस्ट रियलिटी के 18 फ्लैट भी जब्त किए गए थे। ईडी की जांच मे सामने आया था कि केडी सिंह ने कंपनियों के जरिये कई राज्यों के निवेशकों के करीब 1900 करोड़ रुपये हड़पे हैं।