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बसपा प्रदेशाध्यक्ष की हत्या के बाद चेन्नई पुलिस कमिश्नर का तबादला, IPS ए. अरुण संभालेंगे पदभार

तमिलनाडु बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख के आर्मस्ट्रॉन्ग की चेन्नई में उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद चेन्नई के पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया है। उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ए अरुण को तैनाती दी गई है।तमिलनाडु के बसपा प्रमुख की शुक्रवार को हत्या कर दी गई। बाइक सवार छह लोगों ने उनके घर के पास ही उनकी हत्या कर दी। इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पिछले साल गैंगस्टर अर्कोट सुरेश की हत्या से जुड़ा बदला लेने के लिए की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अर्कोट सुरेश के परिवार को संदेह है कि आर्मस्ट्रॉन्ग ने ही हत्या की साजिश रची थी।

शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद वर्तमान चेन्नई पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया है। एनडीआरएफ और सीआईएसएफ में रहे चुके आईपीएस अधिकारी संदीप राय राठौर की जगह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ए अरुण को नियुक्त किया जाएगा। अरुण कुमार वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था हैं। वहीं संदीप राय राठौर को अब पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, चेन्नई का डीजीपी नियुक्त किया है। अरुण की जगह डेविडसन देवसिरवथम को राज्य डीजीपी कानून और व्यवस्था नियुक्त किया है।आर्मस्ट्रॉन्ग की हत्या के बाद बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां अपने पार्टी सहयोगी को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को न्याय दिलाने के लिए हत्या की सीबीआई जांच की मांग की।

एआईएडीएमके प्रमुख ने डीएमके सरकार से पुलिस को ‘खुली छूट’ देने की मांग की
एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को पूरी आजादी देकर ही कानून-व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा चेन्नई के पुलिस आयुक्त संदीप राय राठौर की जगह वरिष्ठ अधिकारी ए अरुण को नियुक्त करने के तुरंत बाद, विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने कहा कि केवल एक अधिकारी का तबादला कर देने से कानून-व्यवस्था को प्रभावी ढंग से नहीं चलाता जा सकता। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वह ‘कठपुतली मुख्यमंत्री, अयोग्य मुख्यमंत्री’ हैं और पुलिस अधिकारियों को पूरी आजादी नहीं है और इसलिए वे कानून-व्यवस्था को ठीक से बनाए नहीं रख सकते। पुलिस विभाग को खुली छूट देकर ही कानून-व्यवस्था को अच्छी तरह से बनाए रखा जा सकता है और उपद्रवी तत्वों पर लगाम लगाई जा सकती है।