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देश विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप, लिबिया में मौजूद ISIS आतंकवादी समेत दो के खिलाफ चार्जशीट दायर

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा है, कि इस साल फरवरी में कई स्थानों पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किए गए मोहम्मद जोहेब खान के साथ लीबिया में मौजूद मोहम्मद शोएब खान के खिलाफ आईएसआईएस के भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने की साजिश में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप
एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को दाखिल चार्जशीट में दोनों को आईएसआईएस आतंकी साजिश मामले में प्रमुख साजिशकर्ता बताया गया है, जो वैश्विक आतंकी नेटवर्क के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद), महाराष्ट्र से जुड़े मॉड्यूल से जुड़ा है। आतंकवाद निरोधी एजेंसी की तरफ से मामले की जांच में दोनों आरोपियों की संलिप्तता वाले भारत विरोधी गतिविधियों के जाल का पता चला है।

‘एक वेबसाइट भी बनाने में जुटे थे दोनों आरोपी’
देश में आईएसआईएस के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए काम कर रही एजेंसी ने पाया कि दोनों लोगों ने आईएसआईएस के स्वघोषित खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी। जबकि एक साजिश के तहत भारत में कई आतंकी हमले करने के बाद अफगानिस्तान या तुर्की भागने की योजना बनाने वाले आरोपियों को आईएसआईएस की चरमपंथी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए एक वेबसाइट विकसित करने में भी सक्रिय थे।

‘व्हाट्सएप ग्रुप में भेजते थे विस्फोट बनाने के तरीके’
मामले में एनआईए ने कहा कि वो वेबसाइट के जरिए से दुनिया भर के युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने की योजना बना रहे थे। वहीं जांच में आगे पता चला कि मोहम्मद शोएब खान की तरफ से भर्ती किए गए मोहम्मद जोहेब खान ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था। एजेंसी ने बताया कि उसने औरंगाबाद इलाके के 50 से अधिक युवाओं को भारत में आईएसआईएस की नापाक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के इरादे से ग्रुप में जोड़ा था। जिसमें आरोपी विस्फोटकों के निर्माण और आईईडी के निर्माण से जुड़े वीडियो साझा कर रहे थे।

‘आरोपियों ने बनाई थी आतंकी हमले की योजना’
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कार्रवाई की एक विस्तृत योजना भी तैयार की थी, जिसमें भारत में कई स्थानों पर आतंकवादी हमलों की योजना बनाना, तैयारी करना और उन्हें अंजाम देना और हमलों को अंजाम देने के बाद की जाने वाली कार्रवाई शामिल थी। वहीं एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने भारत की सुरक्षा, इसके धर्मनिरपेक्ष लोकाचार और संस्कृति और शासन की लोकतांत्रिक प्रणालियों को खतरे में डालने की साजिश रची थी।