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टीएमसी की रैली में CM ममता बोलीं- महिलाओं को आरक्षण न दे सकी BJP, अखिलेश ने कहा- जल्द गिर जाएगी NDA सरकार

कोलकाता: प. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस पर चल रही रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी 38 फीसदी महिलाएं सांसद हैं। चुनाव से पहले भाजपा ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का दावा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर सके। धर्मतला में चल रही रैली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार जल्द ही गिर जाएगी।ममता बनर्जी ने कहा कि अखिलेश यादव मेरे निमंत्रण पर कार्यक्रम में शामिल होने आए, मैं उनका धन्यवाद देती हूं। मैं चाहती हूं कि पूरे देश के साथ बंगाल के रिश्ते बेहतर हों। यूपी में अखिलेश यादव ने जो खेल दिखाया, उसके बाद भाजपा को इस्तीफा दे देना चाहिए था।

वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी।

बंगाल को बदनाम कर रही भाजपा: अभिषेक
रैली में टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी रैली में पहुंचे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बंगाल के सभी फंड रोक दिए हैं। भाजपा बंगाल को बदनाम कर रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फर्जी कहानी बनाकर संदेशखली को हथियार बनाकर बंगाल को बदनाम करने की साजिश की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अबकी बार 400 पार का नारा दिया, लेकिन 240 पर रुक गए। टीएमसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया मगर जीत नहीं मिली। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 21 जुलाई 2022 को ईडी ने पार्थ चटर्जी के घर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हम गलती करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं बचाते। हम अन्याय करने की अनुमति भी नहीं देते हैं। अगर एसएससी-टीईटी घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया जा सकता है, नीट घोटाले में
धर्मेंद्र प्रधान को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

इसलिए हो रही रैली
21 जुलाई 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान के दौरान 13 लोगों की जान चली गई थी। उस दौरान ममता बनर्जी युवा कांग्रेस अध्यक्ष थीं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद ममता बनर्जी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती रही हैं।