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कांग्रेस ने पूछा- अगली जनगणना में शामिल होगी सभी जातियों की गणना? सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या अगली जनगणना में सभी जातियों की व्यापक गणना शामिल होगी और क्या जनगणना का उपयोग लोकसभा में प्रत्येक राज्य की शक्ति तय करने के लिए किया जाएगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि महा पंजीयक (रजिस्ट्रार जनरल) और जनगणना आयुक्त का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है, जिसका मतलब है कि 2021 में होने वाली जो जनगणना लंबे समय से टली हुई थी, अब जल्द ही होगी।

जनगणना में दो महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर स्पष्टता नहीं: रमेश
रमेश ने कहा, लेकिन अभी भी दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई स्पष्टता नहीं है। क्या इस नई जनगणना में देश की सभी जातियों की विस्तृत गणना होगी, जैसे कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की गणना 1951 से हर जनगणना में की जाती है? भारत के संविधान के मुताबिक जाति जनगणना का काम केवल केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस जनगणना का इस्तेमाल लोकसभा में प्रत्येक राज्य शक्ति तय करने के लिए होगी, जैसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 (जो कहता है कि 2026 के बाद पहली जनगणना और इसके परिणामों का प्रकाशन किसी भी पुनर्गठन का आधार बनेगा) में कहा गया है? क्या इससे उन राज्यों को नुकसान होगा, जो परिवार नियोजन में आगे रहे हैं?

अगस्त 2026 तक बढ़ाया गया जनगणना आयुक्त का कार्यकाल
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता पाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक करना सबसे उचित होगा। मृत्युंजय कुमार नारायण अभी महा पंजीयक और जनगणना आयुक्त हैं। केंद्र ने उनके कार्यकाल को अगस्त 2026 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला उन्हें देश में जनगणना का काम करवाने के लिए आगे बढ़ने का मौका देगा। नारायण भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1995 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं और वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत इस महत्वपूर्ण पद पर 2020 से कार्यरत हैं।