बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। पड़ोसी देश के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में इस्कॉन मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद दो समुदायों के बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान हुई मारपीट में कई लोगों के घायल होने की खबर है। इस घटना के बाद चटगांव के कुछ हिस्सों में सेना के नेतृत्व में संयुक्त बलों ने बुधवार को गश्त की बढ़ा दी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक मुस्लिम किराना दुकानदार उस्मान अली द्वारा इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉनशस्नेस ) के खिलाफ फेसबुक पर की गई पोस्ट को लेकर झड़प हो गई थी और इसमें कई लोग घायल हो गए थे।
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हिंदूओं ने जताया विरोध
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी उस्मान अली ने फेसबुक पर इस्कॉन को आतंकवादी का समूह बताया था। जिसके बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया था और हजारी गली क्षेत्र में रहने वाले हिंदू समुदाय ने इसके खिलाफ नाराजगी जताई थी। दरअसल हजारी गली में मुख्य रूप से हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं। जो आभूषण की दुकानों और थोक दवाओं का व्यवसाय करते हैं।
घटना के दौरान मौजूद लोगों ने बताया कि इस्कॉन मंदिर को लेकर की गई इस टिप्पणी को लेकर रातभर झड़पें हुई। इस दौरान मौके पर पहुंची सेना, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अर्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों द्वारा की गई लाठीचार्ज में कई लोग घायल हो गए। हिंसा के बाद फैले तनाव के चलते हजारी गली इलाके में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। यहां सेना के जवान और पुलिस गश्त कर रही है।
हिंसा में कई सुरक्षाबल घायल
घटना की जानकारी देते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल फिरदौस अहमद ने बुधवार को बताया कि इस्कॉन को लेकर की गई टिप्पणी के बाद आरोपी अली की दुकान के सामने भीड़ एकत्र हो गई, जिसके बाद संयुक्त बल घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अली और उसके भाई को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा, गुस्साई भीड़ ने आभूषण निर्माण में इस्तेमाल होने वाले एसिड और आस-पास की इमारतों से कांच की टूटी बोतलें फेंकी। जिससे सेना के पांच जवान और सात पुलिसकर्मी घायल हो गए।